जानें क्यों हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी मनाएंगे काली दिवाली, बताई ये बड़ी वजह
इस बार हरियाणा रोडवेज के अनुसूचित जाति के कर्मचारी काली दिवाली मनाने जा रहे हैं. उनकी मांग है कि उन पर दर्ज फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएं. इसको लेकर उन्होंने सीएम को अपने इस्तीफे की पेशकश की.
दिव्या राणा/चंडीगढ़: इस बार हरियाणा रोडवेज के अनुसूचित जाति के कर्मचारी काली दिवाली मनाएंगे. वहीं उन्होने सीएम मनोहर लाल को अपने इस्तीफे की पेशकश की है. रोडवेज एससी एंप्लॉइज संघर्ष समिति ऑफ हरियाणा के राज्य प्रधान मनोज चहल ने बताया कि संगठन के पदाधिकारियों के विरूद्ध षडयंत्र रचते हुए झूठे मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं. ऐसा परिवहन निदेशक हरियाणा के कहने पर रोहतक डिपो के पूर्व महाप्रबंधक ने संगठन व कर्मचारियों के प्रति जातिगत भेदभाव व दमनकारी नीति अपनाई है. मनोज चहल ने कहा कि मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो हरियाणा रोडवेज के अनुसूचित जाति के सैंकड़ों कर्मचारियों ने विरोधस्वरूप इस बार काली दिवाली मनाएंगे.
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति ऑफ हरियाणा के आह्वान पर रोडवेज के अनुसूचित जाति के कर्मचारियों ने 28-29 मार्च की हड़ताल में सरकार हित और जनहित में बसें चलाने का काम किया, इसके फलस्वरूप सांझा मोर्चा के हड़ताली कर्मचारियों ने अनुसूचित जाति के कर्मचारियों के गले में जूतों की माला डालकर अपमानित किया. वहीं पलवल में अनुसूचित जाति के कर्मचारियों पर बसें चलाने के कारण हड़ताली कर्मचारियों द्वारा डीजल डालकर जिंदा जलाने का प्रयास किया गया. इन मामलों में पुलिस में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
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अब सांझा मोर्चा के कुछ नेता निदेशक से मिलीभगत करके रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति ऑफ हरियाणा के प्रतिनिधियों को झूठे मुकदमों के फेर में उलझा कर मुकदमा वापस लेने को दबाव बना रहे हैं. चहल ने आरोप लगाया कि यदि विभाग के उच्च अधिकारियों को हड़ताली कर्मचारियों का ही सहयोग करना है तो अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को निशाना क्यों बनवाया जा रहा है. हमारी जान क्यों जोखिम में डाली जा रही है. उन्होंने बताया कि हमने चंडीगढ़ सेक्टर 3 के निदेशक परिवहन विभाग के जातिवादी रवैये के खिलाफ शिकायत दी है, लेकिन पुलिस और सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं रोहतक डिपो के पूर्व महाप्रबंधक विकास नरवाल ने अपनी जातिगत दुर्भावना के चलते हमारे यूनियन के मुख्यालय पर लिखा यूनियन का नाम पेंट करवाकर मिटवा दिया गया. परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए अनुसूचित जाति कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है.