रोहतक: हरियाणा सरकार द्वारा पीजीआई में 40 लाख की बॉन्ड पॉलिसी वापस लिए जाने के लिखित आश्वासन की मांग को लेकर लगातार MBBS छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार रात ठंड और स्मॉग के बीच छात्र खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन करते रहे. इस दौरान पीजीआई निदेशक डॉ. एसएस लोहचब द्वारा प्रदर्शन कर रहे छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बात भी की गई, लेकिन वो बेनतीजा साबित हुई. 


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क्या है पूरा मामला   
हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई बॉन्ड पॉलिसी के तहत MBBS स्टूडेंट को हर साल 9.20 लाख रुपए जमा करवाने थे और 80 हजार रुपए फीस. इस हिसाब से MBBSके सभी छात्रों को हर साल 10 लाख रुपये और 4 सालों में 40 लाख रुपये जमा करवाने होंगे. छात्रों द्वारा बॉन्ड पॉलिसी का विरोध किए जाने पर इसे वापस लेने की बात कही गई, लेकिन अब तक कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया. अब रोहतक PGI के MBBS छात्र 40 लाख की बॉन्ड पॉलिसी वापस लिए जाने के लिखित आश्वासन की मांग को लेकर 4 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. 


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रोहतक, करनाल और मेवात में प्रदर्शन   
 रोहतक PGI के MBBS छात्रों के प्रदर्शन के बाद अब दूसरे  पीजीआई के एमबीबीएस स्टूडेंट भी सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में धरने पर बैठ गए हैं. रोहतक के साथ-साथ करनाल और मेवात पीजीआई के एमबीबीएस स्टूडेंट्स बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. पीजीआई प्रशासन द्वारा बार-बार छात्रों को हटाने की कोशिश की जा रही है, मगर प्रदर्शन कर रहे छात्र वहां से हटने को राजी नहीं हैं. उनकी मांग है सरकार इस बॉन्ड पॉलिसी को तुरंत वापस करे और एमबीबीएस पास करने के बाद सरकारी नौकरी की गारंटी दे. 


छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए एमबीबीएस के प्रेवश के लिए स्टेट काउंसलिंग को रद्द कर दिया गया है. काउंसिलिंग में सरकारी व एडेड मेडिकल कॉलेज, डेंटल एजुकेशन इंस्टीट्यूट, निजी विवि के एमबीबीएस, बीडीएस कोर्स शामिल थे. अब जल्द ही काउंसलिंग का नया शेड्यूल जारी किया जाएगा.  


5 नवंबर को दीक्षांत समारोह
रोहतक पीजीआई में 5 नवंबर को हेल्थ यूनिवर्सिटी का दूसरा दीक्षांत समारोह है, जिसमे हरियाणा के राज्यपाल ,मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री शिरकत करेंगे. छात्रों के प्रदर्शन के बीच दीक्षांत समारोह का आयोजन पीजीआई के लिए एक बड़ी परेशानी की वजह बन सकता है. 


पीजीआई प्रशासन की तरफ से बार-बार छात्रों को चेतावनी दी जा रही है, मगर वह अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. सरकार ने बॉन्ड पॉलिसी को लेकर कहा है कि एमबीबीएस स्टूडेंट्स को एडमिशन लेने के लिए बॉन्ड नही भरना होगा, उसकी जगह बैंक से एग्रीमेट्स करना होगा. सरकार के इस फैसले के बाद एमबीबीएस स्टूडेंट्स का कहना है सरकार पहले ले या बाद में पैसे तो लेगी, इसलिए बॉन्ड पॉलिसी को पूरी तरह रद्द किया जाए.