Protest against e-tendering system: हरियाणा में ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में सरपंच पिछले 1 महीने से धरने पर हैं. आज सरपंच प्रतिनिधियों और पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के बीच ई-टेंडरिंग को लेकर बैठक भी हुई, लेकिन वो बेनतीजा रही. बैठक में सरपंचों के मुद्दे का कोई हल नहीं निकला. 


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सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणबीर समैण ने कहा कि इस बैठक में कोई हल नहीं निकला. बैठक के दौरान पंचायत मंत्री हमें ईटेंडरिंग के फायदे गिनाते रहे और हमने उन्हें इसकी कमियां बताई. पंचायत मंत्री ने कहा कि फिलहाल उनके हाथ में कुछ नहीं है. वे इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे. रणबीर समैण ने कहा कि बैठक के बेनतीजा रहने के बाद अब हमने फैसला कर लिया है कि हम 1 मार्च को पंचकूला में इकट्ठा होंगे और वहां से मुख्यमंत्री आवास के लिए कुछ करेंगे. जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.


जींद में शक्ति प्रदर्शन
ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जींद के सरपंचों ने ट्रैक्टर यात्रा निकालते हुए शक्ति प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में सरपंच ट्रैक्टर ट्राली से लघु सचिवालय पहुंचे और वहां से बीडीपीओ कार्यालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. 


सरपंचों को मिल रहा ग्रामीणों का समर्थन
ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सरपंचों को अब ग्रामीणों का भी समर्थन मिल रहा है. सरपंचों का कहना है कि जब तक सरकार ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के फैसले को वापस नहीं लेती उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. 


इन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे राज्य के किसान
राज्य में प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि ई-टेंडरिंग का फैसला रद्द किया जाए, सरपंचों का मानदेय बढ़ाया जाए और सरपंचों को 25 लाख तक के कामों को ऑफलाइन बिना ई-टेंडरिंग के करने की पावर प्रदान की जाए. 


Input-Vijay Rana