Sonipat News: सरकारी छुट्टी पर भी खुले कई स्कूल, 20 से ज्यादा बच्चे बैठाने वाले कैब चालक बोला- सब अलाउड है
जहां प्रदेशभर में ईद के मौके पर सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों की छुट्टी का प्रावधान है, लेकिन सोनीपत में प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी हर बार देखने को मिलती है. इस बार भी छुट्टी के दिन 50 फीसदी प्राइवेट स्कूल खोले गए.
Sonipat News: जहां प्रदेशभर में ईद के मौके पर सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों की छुट्टी का प्रावधान है, लेकिन सोनीपत में प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी हर बार देखने को मिलती है. इस बार भी छुट्टी के दिन 50 फीसदी प्राइवेट स्कूल खोले गए. इतना ही नहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों की मिली भगत से स्कूल में प्राइवेट कैब लगाई गई हैं. जहां स्कूल की बसों और प्राइवेट स्कूल कैब यातायात के नियमों की उल्लंगना सरेआम करते हैं. कैब में अलग से सीएनजी लगवाकर 7 सीटर कैब में 35 से 40 से बच्चों को ठूंस-ठूंसकर भरा जाता है. बच्चों को बारूद के ढेर पर बिठाकर यात्रा कराई जाती है. वहीं वाहन चालकों में किसी भी प्रकार का कोई खौफ नजर नहीं आता. बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है और प्रशासन हाथ पैर हाथ धर कर बैठा हुआ है.
महेंद्रगढ़ के कनीना में सड़क हादसे के बाद भी सोनीपत में प्रशासन सबक नहीं ले रहा है. जहां सोनीपत में सैकड़ों प्राइवेट स्कूल है और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी इस प्रकार से की सरकारी छुट्टी होने के बावजूद भी स्कूल बंद नहीं किए जाते. स्कूल वाहनों में नियमों की कोई भी पालन नहीं होती. यहां तक की वाहन चालक न ड्रेस में होते और न ही उनके पास अपना आई कार्ड होता है. वहीं 20 से ज्यादा बच्चों को कैब में बैठाकर चलने वाले चालक ने कहा कि सब अलाउड है. यानी कि इससे यह लगता है कि प्रशासन का कोई खौफ नहीं है.
हालांकि हादसे के बाद सोनीपत की ट्रैफिक पुलिस हड़कंप में आ गई. वहीं मौके पर सोनीपत के गीता भवन चौक पर एक निजी स्कूल बस को चेक किया गया तो उसे दौरान ने वाहन चालक ड्रेस में मौजूद नहीं था. कई नियमों का पालन स्कूल की बस और ड्राइवर द्वारा नहीं किया जा रहा था. वहीं ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर ने बच्चों से भी बातचीत की और बच्चों को भी मोटिवेट किया, लेकिन सोनीपत में कोई भी स्कूल संचालक नियमों की पालना नहीं कर रहा है.
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वही ग्राउंड पर उतरकर जब ज़ी हमारी टीम ने जायजा लिया तो छुट्टी वाले दिन ने ज्यादातर स्कूल खुले हुए नजर आए. सिर्फ स्कूल को खोलना ही नियमों की अवहेलना नहीं, बल्कि विद्यालय से निकलने वाली प्राइवेट कैब किसी बारूद के ढेर से कम नहीं है. क्योंकि कैब में बैठने के लिए 7 से 8 लोगों की व्यवस्था रहती है और नियम भी है, लेकिन सोनीपत में 95% प्राइवेट स्कूल में नियमों की सरेआम धजिया उड़ाई जाती है. 15 से 20 नियम में स्कूल वाहनों के लिए निर्धारित किए गए हैं. कोई भी नियम में प्राइवेट कैब चालक पूरा नहीं करता है और अचानक के कोई हादसा हो जाए तो सीएनजी कैब से बचकर निकल पाना मुश्किल होगा. यहां तक की यह तस्वीर भी आप देख सकते हैं कि किस प्रकार से छोटे-छोटे नोनीहालों को ठूंस ठूंस कर भरा जा रहा है.
बच्चों को गर्दन हिलाने तक की जगह नहीं मिल पाती है और सीएनजी गैस सिलेंडर के ऊपर भी अतिरिक्त सीट बनवाकर रहे उसे पर बच्चे बिता जाते हैं. यानी कि कैब नहीं मौत की कैब से काम नहीं है.
वहीं ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने बताया कि लगातार स्कूल टाइम में वाहनों की चेकिंग भी की जाती है. जो नियमों की पालना नहीं करता उसके चालान किए जाते हैं. महेंद्रगढ़ कनीना में हुए हादसे को संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि अब अभियान और भी तेज किया जाएगा. नियमों को न मानने करने वाले किसी भी वाहन चालक को बक्शा नहीं जाएगा.
Input: Sunil Kumar