हरियाणा के कई हिस्सों में होगी बारिश! मंडियों में पहुंची फसल गीली होने के डर से किसान चिंतित
हरियाणा से मौसम को लेकर नया अपडेट सामने आया है. मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि राज्य के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है. इससे गर्मी से तो निजात मिलेगी, लेकिन किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही हैं. किसान अपनी फसल काटकर मंडियों में पहुंचने शुरू हो गए हैं.
चंडीगढ़: हरियाणा से मौसम को लेकर नया अपडेट सामने आया है. मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि राज्य के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है. इससे गर्मी से तो निजात मिलेगी, लेकिन किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही हैं. किसान अपनी फसल काटकर मंडियों में पहुंचने शुरू हो गए हैं. अगर ऐसे में बारिश आती है तो उनकी फसल को काफी नुकसान पहुंच सकता है.
मौसम विभाग, चंडीगढ़ के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि अप्रैल के महीने में तापमान में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. हरियाणा के कई जिलों का तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया है. चंडीगढ़ में भी तापमान 39 डिग्री तक पहुंचा है. गर्मी से लोग बेहाल हैं. हालांकि आने वाले दिनों में हरियाणा और चंडीगढ़ में बारिश के आसार हैं.
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से कई जगह पर बारिश हो सकती है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी.19 अप्रैल से हरियाणा में मौसम में बदलाव देखा जाएगा. मनमोहन सिंह ने कहा कि अगले 4 से 5 दिनों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, लेकिन उसके बाद फिर से गर्मी बढ़ेगी.
मौसम की मार झेलने वाले किसान फसल नुकसान की आशंका से घिरे हैं. हालांकि राज्य सरकार पहले ही यह बात कह चुकी है कि नाम, दाना कमजोर होने के बावजूद किसानों को फसल की पूरी कीमत दी जाएगी. नुकसान का यह खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
रोहतक में दुष्यंत चौटाला ने दिया था भरोसा
पिछले शुक्रवार को रोहतक की अनाज मंडी का निरीक्षण करते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि सरकार ने मंडियों व खरीद केंद्रों से गेहूं उठान के भी सभी प्रबंध किए गए हैं. अभी तक प्रदेश की मंडियों व खरीद केंद्रों में एक तिहाई गेहूं की आवक हो चुकी है, जिसमें से 80 प्रतिशत गेंहू का उठान करवाया जा चुका है.
दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि किसानों को अपनी फसल की बिक्री के दौरान किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि गोदाम की अपेक्षा साइलो में लंबे समय तक अनाज सुरक्षित रहता है और आवश्यकतानुसार आसानी से अनाज को बोगियों के माध्यम से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है.
इनपुट: विजय राणा