चंडीगढ़: दिल्ली एनसीआर और हरियाणा के कई हिस्सों में बारिश हुई. इससे तापमान में अचानक गिरावट से मौसम तो खुशनुमा हो गया, लेकिन हरियाणा के किसानों को कटी फसल के बर्बाद होने का डर सता रहा है. बारिश की वजह से मई के शुरुआत में ही तापमान में आई गिरावट ने 36 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मई के महीने में अक्टूबर- नवंबर जैसी ठंडक का एहसास हो रहा है. 


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इससे पहले 1987 में मई के महीने में तापमान में इतनी गिरावट दर्ज की गई थी. साल 1987 में मई के महीने में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था, जो सबसे कम था. इस साल मई के महीने में तापमान 23 से 24 डिग्री तक दर्ज किया है. 


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मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के बार-बार सक्रिय होने की वजह से चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. आने वाले कई दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का असर जारी रहेगा, उसके बाद मौसम साफ हो जाएगा और तापमान सामान्य होने लगेगा. उन्होंने कहा कि इस साल गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहीं है. जून के महीने में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच सकता है.


जींद में बारिश से लाखों क्विंटल गेंहूं भीगा
जींद की नई अनाज मंडी में किसानों की फसल भीग गई है. गेहूं की ढेरियों पर न तो त्रिपाल की व्यवस्था की गई है. किसानों का कहना है कि टीम करोड़ रुपये की लागत से मंडी में शेड बनना था, लेकिन पिछले 1 साल से नहीं बनने के कारण किसानों का गेहूं भीग गया.


इधर सोनीपत पहुंचे डिप्टी सीएम ने बताया कि मंडियों में 3 मई तक 61 लाख टन गेहूं आया है. पिछले साल की तुलना में इस बार 20 लाख टन गेहूं ज्यादा आया है. फसल का 80% उठान अलग-अलग विभाग द्वारा हुआ है. सरसों की फसल एप्पल के गोदाम में पहुंच चुकी है. 1300 करोड़ रुपये किसानों के खाते में भेजा गया है. हर मंडी की व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जा रही है. 13 मंडियों में नीचे से पानी घुस जाने की वजह से फसल की नीचे की लेयर खराब हुई है. साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर किसान मंडी में फसल छोड़ गया है तो नुकसान नहीं होगा.


इनपुट: विजय राणा