World Hepatitis Day 2023: नशे, मोटापे और खून के संक्रमण से फैलता है हेपेटाइटिस, समय रहते कराएं इलाज
World Hepatitis Day 2023: पूरे विश्व 28 जुलाई को हेपेटाइटिस टिवस बनाया जाता है. इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. इसी कड़ी में आज रोहतक स्थित पंडित बीडी शर्मा PGIMS के गैस्ट्रोलॉजी विभाग द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें लोगों को इस बीमारी के लक्षण, बचाव के तरीके और इलाज के बारे में बताया गया.
World Hepatitis Day 2023: आज हेपेटाइटिस यानी काला पीलिया दिवस है. जो पूरे विश्व में 28 जुलाई को इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. इसी कड़ी में आज रोहतक स्थित पंडित बीडी शर्मा PGIMS के गैस्ट्रोलॉजी विभाग द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें लोगों को इस बीमारी के लक्षण, बचाव के तरीके और इलाज के बारे में बताया गया.
इस कार्यक्रम के बाद PGIMS के गैस्ट्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि इस बार इस कार्यक्रम का थीम हम इंतजार नहीं कर रहे हैं, एक लीवर एक जान के बराबर है, रखा गया है. उन्होंने कहा कि काला पीलिया मुख्य रूप से मरीज के लीवर को डैमेज कर देता है एक मरीज 12 अन्य मरीजों को यह बीमारी दे सकता है. इसलिए एक मरीज को ठीक करना 13 मरीजों के ठीक करने के बराबर है.
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डॉक्टर मल्होत्रा ने बताया कि जो लोग किसी भी प्रकार का नशा करते हैं या जिनका वजन ज्यादा होता है उनको काला पीलिया होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. ज्यादातर यह खून के संक्रमण से फैलता है. इसलिए लोगों को चाहिए कि वह कम से कम अपने शरीर में सुई का प्रयोग करवाएं. कोई भी बीमारी होने पर इंजेक्शन की बजाय गोलियों को प्राथमिकता दें. शरीर में कम से कम टैटू बनवाए जब भी बाबर से दुकान सेव करवानी हो तो साफ ब्लेड प्रयोग करने के लिए कहें. अगर कोई घर में संक्रमित व्यक्ति है तो परिवार के अन्य लोगों को मरीज का तोलिया, टूथब्रश, रेजर, चाकू, नेल कटर प्रयोग नहीं करना चाहिए.
डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने हेपेटाइटिस बीमारी के लक्षण बताते हुए कहा कि आमतौर पर जब कोई खून दान करता है, पूरे शरीर का परीक्षण करवाता है या फिर कोई ऑपरेशन होना हो, तब यह बीमारी पकड़ में आती है किसी को पीलिया हो जाता है या फिर हर समय शरीर में थकान रहती हो तो यह भी काला पीलिया के लक्षण पाए जाते हैं. बीमारी का पता लगने के बाद मरीज के परिवार के सभी लोगों का परीक्षण किया जाता है और जिन लोगों में यह लक्षण पाए जाते हैं तो उनका भी इलाज किया जाता है और जिनमें लक्षण नहीं पाए जाते तो उन लोगों को हेपेटाइटिस बी का वैक्सीनेशन किया जाता है.
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आज हरियाणा सहित पूरे देश में हेपेटाइटिस बी और सी का मुफ्त इलाज किया जाता है. डॉक्टर मल्होत्रा ने बताया कि हरियाणा में 2013 में इस बीमारी के इलाज के लिए सरकार की तरफ से जीवन रेखा नाम का एक कार्यक्रम चलाया गया था जिसमें पंडित बीडी शर्मा PGIMS के गैस्ट्रोलॉजी विभाग को नोडल सर्कल बनाया गया था और खुद डॉक्टर मल्होत्रा को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया था. आज भी पंडित बीडी शर्मा PGIMS रोहतक में काला पीलिया के मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है.
(इनपुटः राज टाकिया)