हिसार में नशा तस्करी के दो आरोपियों के मकान ढहाए, विरोध में बेघर परिजन ने किया प्रदर्शन
ड्यूटी मजिस्ट्रेट हरिकेश गुप्ता ने बताया कि गिराए गए दोनों मकान सिविल अस्पताल की जगह पर बने हुए थे. वहीं पुलिस की अगुवाई कर रहे डीएसपी कप्तान सिंह ने कहा कि नशा तस्करी में संलिप्त होने के चलते ऐसा किया गया है.
रोहित कुमार/ हिसार: यूपी में बाबा बुल्डोजर की तर्ज पर हरियाणा में भी अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए बुल्डोजर का सहारा लिया जा रहा है, लेकिन दूसरी ओर प्रदेश सरकार पर सवाल भी उठने लगे हैं. लोगों का आरोप है कि सरकार ज्यादती कर रही है. हिसार में नशा तस्करों पर शिकंजा कसने और अपराधियों को सबक सिखाने के लिए पुलिस ने अंबेडकर बस्ती में 2 मकानों को ध्वस्त कर दिया.
मकानों के मालिक नशा तस्करी के मामले में जेल में बंद है. कार्रवाई के दौरान दोनों आरोपियों के परिजनों ने मकान न गिराने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई न होने पर विलाप करने लगे. पीड़ित परिवारों और कॉलोनी के बाशिंदों ने कार्रवाई पर सवाल उठाए. मकानों को गिराए जाने के दौरान हिसार के तहसीलदार हरिकेश गुप्ता बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट मौजूद रहे. पूरी कार्रवाई के दौरान पुलिस की 5 कंपनियां किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैनात की गई थीं.
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ड्यूटी मजिस्ट्रेट हरिकेश गुप्ता ने बताया कि गिराए गए दोनों मकान सिविल अस्पताल की जगह पर बने हुए थे. पुलिस की अगुवाई कर रहे डीएसपी कप्तान सिंह ने कहा कि नशा तस्करी में संलिप्त होने के चलते ऐसा किया गया है. पुलिस ने सुबह करीब 11 बजे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की.
एक आरोपी पर 8 तो दूसरे पर 14 केस थे दर्ज
डीएसपी कप्तान सिंह का कहना है कि दो मकान गिराए गए हैं. आरोपी कुलदीप सिंह के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत 8 केस, जबकि दूसरे आरोपी कविता उर्फ काली पर 14 मुकदमे दर्ज हैं. दोनों अभी जेल में हैं. आरोपियों ने नशा तस्करी से अवैध संपत्ति जुटाई है. पुलिस ने कहा कि भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई की जाती रहेगी.
वाटर कैनन गाड़ियों के साथ अलर्ट पर रही पुलिस
इधर मकान गिराए जाने के विरोध में पीड़ित परिजनों और स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन किया. सुनील महेश्वाल, अमित आदि ने कहा कि कानून की आड़ में ज्यादती की जा रही है, मकानों को ध्वस्त कर दिया गया, जेसीबी की सहायता से बने बनाए मकान गिरा दिए गए, जबकि उनके परिवार के सदस्य नशा नहीं बेचते. उन्होंने कहा कि बस्ती में नशा बिकता है, उसे लेकर बस्ती बदनाम है.
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इस बीच महिलाएं लगातार विलाप करके इस कार्रवाई का विरोध करती नजर आईं, लेकिन भारी पुलिस इंतजामात को देखते हुए स्थिति नियंत्रण में रही. मौके पर आंसू गैस के गोले लेकर और दमकल के साथ-साथ सुरक्षा दस्ते से लेस पुलिस बल तैनात रहा. साथ ही डीएसपी अभिमन्यु लोहान और डीएसपी कप्तान सिंह भी वाटर कैनन गाड़ियों के साथ अलर्ट पर थे. पुलिस प्रशासन की तरफ से बिल्डिंग तोड़ने से पहले दोनों मकानों को खाली करने की बात कही थी. दोनों मकानों में सामान नहीं था. वहीं प्रदर्शन कर रही महिलाओं का आरोप था कि उन्हें घर से सामान भी नहीं निकालने दिया.
समाजसेवी बोले, बसाने की प्रयास करे सरकार
मौके पर पहुंचे समाजसेवी भीम सिंह महेश्वाल ने इस कदम को गलत करार दिया. उन्होंने कहा कि कॉलोनी में किसी प्रकार का नशा नहीं बिकता, पहले बिकता था, लेकिन अभियान चलाकर सभी को मुख्य धारा में लाया जा चुका है. इसके बावजूद आरोपियों के मकान तोड़ दिए गए. सवाल है अब ये परिवार आखिर जाएंगे कहां? उन्होंने कहा कि सरकार को बेघर परिवारों को बसाना चाहिए.
52 अपराधियों पर पुलिस की नजर
उधर चर्चा है कि हिसार रेंज के आईजी राकेश आर्य ने 5 जिलों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 52 लोगों की सूची तैयार की है. इन सभी पर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती और नशा तस्करी जैसे केस दर्ज हैं. अगर इन आरोपियों की संपत्ति बेनामी हुई तो उन पर भी कार्रवाई तय है.