IMD Panchayati Level Mausam Purvanuman: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) 15 जनवरी 2024 से 15 जनवरी 2025 तक राष्ट्र की सेवा के अपने 150वें वर्ष का जश्न मना रहा है, जिसमें IMD ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है. IMD ने मौसम की जानकारी प्रदान करने के लिए सोमवार को पंचायत-स्तरीय मौसम पूर्वानुमान लॉन्च किया, जो उड़िया सहित 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा. 


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किसानों को मिलेगी मदद 
मौसम विभाग का उद्देश्य देश के सभी गांवों के किसानों तक मौसम से संबंधित जानकारी को पहुंचाना है, जिसमें अधिकतम तापमान, न्यूनतम तापमान, हवा की गति और खराब मौसम की जानकारी शामिल है. अब किसानों तक हिंदी, अंग्रेजी के अलावा 12 अन्य भाषाओं में मौसम की जानकारी पहुंच सकेंगी, जो फसल के उत्पादन में काफी मददगार साबित होगी. 


IMD के वैज्ञानिक संजीव द्विवेदी ने कहा कि IMD 15 जनवरी को अपने स्थापना दिवस के साथ राष्ट्र की सेवा के अपने 150वें वर्ष का जश्न मना रहा है. इस उपलक्ष्य में पंचायत स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान उड़िया सहित 12 भाषाओं में शुरू किया जाएगा. अपने कवरेज के एक महत्वपूर्ण विस्तार में, आईएमडी पंचायत-स्तरीय मौसम पूर्वानुमान प्रदान करेगा. मौसम कार्यालय ने आईएमडी की 150वीं वर्षगांठ के जश्न पर 'हर हर मौसम, हर घर मौसम' सेवाएं भी शुरू कीं.


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आईएमडी की साल भर चलने वाली 150वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत करते हुए धनखड़ ने कहा कि आईएमडी हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने वाले सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करता है, हमारे नागरिकों को प्रकृति के प्रकोप से बचाता है. आईएमडी सिर्फ मौसम के पूर्वानुमान से कहीं आगे है और मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं एक किसान का बेटा हूं. आईएमडी हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, हमारे नागरिकों को प्रकृति के प्रकोप से बचाने के लिए एक सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करता है और निश्चित रूप से यह हमारी सुरक्षा चिंताओं के लिए उपयोगी हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं. कृषि से स्वास्थ्य सेवा तक, विमान से ऊर्जा तक, यह हमारे जीवन में मौजूद 


जीवन बचाने में मदद करने वाले चक्रवात जैसे मौसम की घटनाओं के समय पर पूर्वानुमान जारी करने के लिए आईएमडी की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आईएमडी का प्रभाव सीमाओं से परे तक फैला हुआ है. क्योंकि, हमारे पड़ोसी देश भी इसकी विशेषज्ञता पर भरोसा करते हैं, जैसा कि चक्रवात के 'मोचा' के दौरान प्रमाणित हुआ था. हमारी तकनीकी प्रगति भी नरम कूटनीति का एक महत्वपूर्ण तंत्र है क्योंकि रिश्ते इस बात से परिभाषित होते हैं कि एक देश को अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी में दूसरे देश से क्या हासिल करना है. उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि मौसम विभाग हर जीवन को छू रहा है, चाहे वह जमीन पर खेती करने वाले किसान हों या सीमाओं की रक्षा करने वाले जवान हों.