63 दिन 63 मैराथन, हरियाणा के लाल ने फिर किया कमाल, गिनीज बुक में दर्ज कराया नाम, ये उपलब्धि की नाम
हिंदुस्तान का हर आदमी स्वस्थ रहे. युवाओं से संवाद करना उनकी रुचि है. फ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा ने 70 से ज्यादा स्कूलों तथा कॉलेज में बच्चों को जागरूक व प्रेरित किया.
रोहित कुमार/हिसार: पूरा हिंदुस्तान आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. उसी के अंतर्गत प्रदेशभर के सभी जिलों में भारतीय नौसेना की 30 अक्टूबर, 2022 से राष्ट्रीय युद्ध समारक, दिल्ली से शुरू हुई 1500 किलोमीटर (35 मैराथन 35 दिन) की दौड़ 3 दिसंबर, 2022 को दिल्ली में समाप्त हुई थी. इस टीम का नेतृत्व कर चुके लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा ने लगातार 35 दिन 35 मैराथन की दौड़ लगाने के बावजूद 70 से ज्यादा स्कूलों तथा कॉलेज में बच्चों को जागरूक व प्रेरित किया.
उसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा ने ठाना है कि 100 मैराथन 100 दिन में पूरी करने का. वर्तमान में किसी पुरुष द्वारा लगातार 62 मैराथन भागी जा चुकी है. एक मैराथन की दूरी 42.2 KM होती है. जहां पूरी दुनिया नए साल की पार्टी कर रही थी. वही लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा ने 63 वीं दिन लगातार 42.2 km भाग कर हिंदुस्तान का नाम विश्व परचम पर रोशन किया है. इसके इलावा वे अब तक 63 दिन में 63 मैराथन पूरी करने वाले दुनिया के इकलौते धावक हो गए हैं.
उनका लक्ष्य है हिंदुस्तान का हर आदमी स्वस्थ रहे. युवाओं से संवाद करना उनकी रुचि है. गांव खरबला के MDN स्कूल से हिंदी माध्यम से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की. पढ़ाई तथा खेल में शुरू से ही रुचि रही. 12वीं की कक्षा विश्वास सीनियर सेकेंडरी स्कूल हिसार से की. BRCM कॉलेज बहल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा ने अपने कॉलेज समय में बहुत मेहनत की, कॉलेज में विभिन्न तरह की गतिविधियों में भाग लेते रहे, अनुशासन का अच्छे से पालन करते करते 2016 में भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन लिया.
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लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा एडवेंचर को भरपूर तरीके से करते हैं. वे विभिन्न तरह की कठोर थका देने वाली शारीरिक व मानसिक एडवेंचर गतिविधियों में भाग लेते रहते है.
आयरन मैन: इस इवेंट में प्रतिभागी को 3.8 km तैराकी, 180 KM साइक्लिंग, 42.2 Km दौड़ एक बार में ही पूरी करनी होती है. इस इवेंट का कट ऑफ टाइम 15 घंटे रहता है.
युद्धिय गोताखोर: वे एक युद्धिय गोताखोर भी हैं, जो पानी के 150 फुट अंदर जाकर दुश्मन की पनडुब्बी तथा जहाजों को तबाह कर सके.
अल्ट्रा रनर: 50 Km से ज्यादा की दौड़ को अल्ट्रा रेस कहा जाता है. देवदत्त शर्मा ने लगातार 150 KM तक की दौड़ में हिस्सा लिया हुआ है. उनका अगला लक्ष्य कश्मीर से कन्याकुमारी तथा भारत के पूर्वी तट से पश्चिमी तट तक भागने का लक्ष्य है.
पर्वतारोही: नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग उत्तरकाशी से कोर्स किया हुआ है तथा कुछ 6000 मीटर से ऊपर की चोटियों पर तिरंगा फहराया हुआ है. 8000 मीटर से ऊपर की सारी चोटियों पर तिरंगा लहराना उनका लक्ष्य है. पिछले 11 साल से लगातार योग का नियमित पालन कर रहे हैं और माउंट एवरेस्ट पर बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के चढ़ना उनका एक और लक्ष्य है.
मोटिवेशनल स्पीकर: उनका कहना है कि जब भी उन्हें समय मिलता है, वे हमेशा बच्चों से मिलने का समय निकलते हैं ताकि उनको सही दिशा में मार्गदर्शन रथ प्रेरित कर सकें.
हर तरह के खेल खेलना उनको अच्छा लगता है जैसे फुटबॉल, बास्केट बॉल, वॉलीबॉल, बेडमिंटन, क्रिकेट, टेबल टेनिस, स्क्वाश, स्विमिंग, साइक्लिंग इत्यादि.
संघर्ष के जीवन ने उनको एक कवि भी बना दिया है और वे शौक से कविताएं लिखते तथा सुनते हैं और बच्चों को स्कूलों में सुनाकर उनमें देशभक्ति की भावना भरते हैं. उनका यही मानना है कि विद्यार्थियों को संघर्ष के जीवन का आनंद लेना चाहिए तथा अनुशासन का जीवन जीना चाहिए. सफलता के लिए निरंतर अभ्यास और अपनी सुख सुविधाओं का त्याग आपको जीवन में सफलता जरूर दिलाएगा.
उनका कहना है कि मनुष्य को अपने 24 घंटो का बड़े अच्छे से इस्तेमाल करना चाहिए, जिस तरह मनुष्य पैसे का हिसाब रखता है वैसे ही उसको अपने समय का हर रोज सोने से पहले हिसाब करना चाहिए कि कितना समय कहां व्यर्थ किया है, कितना सदुपयोग किया है. उनका कहना है कि बच्चों को जी तोड़ मेहनत करनी चाहिए तथा अपने माता पिता व अपने राष्ट्र का नाम हमेशा ऊपर उठाने में कार्यरत रहना चाहिए. 100 मैराथन 100 दिन का उद्देश्य युवाओं को सेहत के लिए जागरूक करना तथा नशे व सोशल मीडिया में अपना कीमती समय व्यर्थ न करना.
आमजन को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना उनका लक्ष्य है. साथ ही मैराथन का एक उद्देश्य यह भी है कि आमजन व विद्यार्थियों को अपनी दैनिक दिनचर्या में कम से कम आधा घंटा शारीरिक व्यायाम करना चाहिए, ताकि शरीर को तंदरूस्त रखा जा सके. उनकी 100 मैराथन 6 फरवरी, 2022 को पूरी होंगी, अगला लक्ष्य उन्होंने 151 मैराथन का रखा है जो 29 मार्च को खत्म होगा.
अपने ऑफिस के काम को साथ-साथ निभाते हुए उन्होंने इस उपलब्धि को हासिल किया है. वे सुबह 3 बजे उठते हैं तथा 3.30 बजे दौड़ शुरू कर देते हैं ताकि ऑफिस समय पर पहुंचा जा सके. युवाओं के लिए संदेश- ऐसी कठिन दौड़ के लिए मनुष्य को आत्म अनुशासन, संपूर्ण त्याग, कठोर मेहनत, दृढ़ इच्छाशक्ति की भरपूर जरूरत होती है, उसी के बलबूते पर ही ऐसे लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। जिंदगी को भरपूर तरीके से जिए, शॉर्ट कट्स ना लें.
ये गिनीज व लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हो चुके हैं
1. दुनिया के इकलौते धावक जो इतनी लगातार 63 मैराथन दौड़ चुके है.
2. सबसे कम उम्र में लगातार इतनी मैराथन का रिकॉर्ड.
3. दुनिया के इकलौते वर्दीधारी सैनिक इतनी लगातार मैराथन दौड़ पूरी कर चुके.
4. 1500 KM (35 मैराथन 35 दिन) एक टीम द्वारा.
5. 35 दिन लगातार मैराथन दौड़ पूरी करके 70 से ज्यादा स्कूलों, कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज में मोटिवेशनल लेक्चर.