Rohini Blast Investigation: रोहिणी के प्रशांत विहार में सीआरपीएफ स्कूल के बाहर विस्फोट की जांच के बीच एक पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव का नाम सामने आया है.  NIA, NSG, CRPF और दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीमें विस्फोट वाली जगह से एकत्र एक-एक सबूत, घटनास्थल के आसपास की सीसीटीवी फुटेज और टेलीग्राम पर किए पोस्ट से एकत्र एक-एक सबूत की गहनता से जांच कर रही हैं. 


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टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तान समर्थक संगठन से जुड़े टेलीग्राम चैनल पर एक पोस्ट को देखने के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि स्कूल के पास ब्लास्ट करने की वजह पूर्व रॉ अधिकारी से जुड़ी हो सकती है. पोस्ट में लिखा-अगर कोई भारतीय एजेंसी सोचती है कि वे हमारे सदस्यों को निशाना बनाने के लिए गुंडों को किराये पर ले सकते हैं तो वे सोच भी नहीं सकते कि हम उनके कितने करीब हैं और हम क्या कर सकते हैं. दरअसल विकास यादव का मूल कैडर सीआरपीएफ है और उसे रॉ में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था. सूत्रों के मुताबिक अमेरिका में रह रहे आतंकवादी जीएस पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप के बाद विकास यादव खालिस्तान समर्थकों के रडार पर है.


पुलिस ने सोमवार को बताया कि उसने टेलीग्राम मैसेंजर को एक आधिकारिक अनुरोध भेजा था, जिसमें पोस्ट प्रसारित करने वाले चैनलों और घटना के सीसीटीवी फुटेज से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मांगी गई थी, दरअसल टेलीग्राम चैनल पर 'खालिस्तान जिंदाबाद' वॉटरमार्क के साथ एक एक संदेश प्रसारित किया गया था.


विस्फोटक को गड्ढे में छिपाया गया था 


अब तक की जांच में पता चला है कि विस्फोट करने के लिए संभवतः रिमोट डेटोनेटर या टाइमर मैकेनिज्म का इस्तेमाल किया गया था. सूत्रों के अनुसार, विस्फोटक को सावधानीपूर्वक प्लास्टिक की थैली में लपेटने के बाद उसे करीब आधे से एक फुट गहरे गड्ढे में रखा गया था. इस पर किसी की नजर न पड़े, इसलिए उस पर कचरा डाल दिया गया था. 


ब्लास्ट में इन केमिकल का हुआ इस्तेमाल!


ब्लास्ट वाली जगह से जो सफेद पाउडर बरामद किया गया था, इसमें  तीन केमिकल- हाइड्रोजन परॉक्साइड, बोरेट और नाइट्रेट मिक्स था. इसका इस्तेमाल माइनिंग के साथ ब्यूटी प्रोडक्ट में भी होता है. सबसे बड़ी बात ये कि इन केमिकल का इस्तेमाल सेफ ब्लास्ट के लिए किया जाता है. अब तक की  जांच में जो बात निकलकर सामने आ रही है, उसके मुताबिक जिसने भी ब्लास्ट का मैटीरियल इकठ्ठा किया, उसे इन तमाम केमिकल की अच्छी खासी जानकारी है. ये केमिकल आसानी से बाजार में मिल जाते हैं, क्योंकि इंडस्ट्रीज वर्क्स में भी इसकी जरूरत पड़ती है. सूत्रों के मुताबिक ब्लास्ट साइट पर तार भी मिले हैं. 


एनएसजी देगी पुलिस को रिपोर्ट 


आईईडी मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट पुणे के सीआरपीएफ अधिकारियों ने एक व्यापक ग्राउंड असेसमेंट किया है. साथ ही एनएसजी का बम निरोधक दस्ता दिल्ली पुलिस को अपनी रिपोर्ट सौंपने की तैयारी कर रहा है.


सफेद टी-शर्ट वाले संदिग्ध की तलाश 


इस मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक विस्फोट के कारण स्कूल की चारदीवारी में एक छेद हुआ है. सामने की दुकानों की खिड़कियों के शीशे और साइनबोर्ड विस्फोट के कारण क्षतिग्रस्त हो गए. घटना के बाद घटनास्थल के पास एक सफेद पाउडर बिखरा हुआ पाया गया. सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर पता चला है कि सीआरपीएफ स्कूल के बाहर विस्फोट से एक रात पहले एक संदिग्ध व्यक्ति सफेद टी-शर्ट पहने हुए दिखाई दे रहा है. उसकी तलाश की जा रही है.