जहांगीरपुरी हिंसा मामले का मास्टरमाइंड क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में, कोर्ट ने किया था भगोड़ा घोषित, साथ ही रखा था 25 हजार का इनाम
जहांगीरपुरी दंगे का मास्टरमाइंड सांवर मलिक उर्फ अकबर उर्फ कालिया को दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. अकबर उर्फ कालिया जहांगीरपुरी में कबाड़ी के तौर पर काम किया करता था. अपराधों में कदम रखने के बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपराध की दुनिया में खुद को बड़ा नाम बना लिया, हनुमान जयंती के दिन उसने अपने सह आरोपियों के साथ लोगों को उकसाया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हुए जहांगीरपुरी दंगे ने पुरी दिल्ली को दहला कर रख दिया था. इस बीच दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के द्वारा दंगे के मुख्य आरोपी रहे अकबर उर्फ कालिया को गिरफ्तार कर लिया है. इस अरोपी के खिलाफ 25 हजार रुपय का इनाम भी घोषित किया गया था.
बता दें कि पुलिस को गुप्त जानकारी से पता चला था कि जहांगीरपुरी दंगा मामलों का एक हताश वांछित अपराधी अकबर उर्फ कालिया जिसे अपराधी घोषित किया गया है, वह जहांगीरपुरी के ब्लॉक सी में मौजूद है. अगर इस बार उसे पकड़ा नहीं गया, तो वह पश्चिम बंगाल अपने पैतृक स्थान भाग जाएगा.
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जानकारी मिलते ही पुलिस बताई हुआ जगह पहर पहुंची, जहां आरोपी मौजूद था. पुलिस को देख आरोपी ने भागने की कोशिश की, इतना ही नहीं वहां पर मौजूद लोगों ने भी उसके भागने में मदद की और पुलिस पर ईटें फेकना शुरू कर दिया. लेकिन पुलिस ने भी हार नहीं मानी और अकबर उर्फ कालिया को गिरफ्तार कर लिया.
आपको बता दें कि अपराधी चौथी कक्षा तक पढ़ा हुआ है. उसके छह भाई/बहनें हैं. साथ ही वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है और कबाड़ी का काम करता है. जब उसने अपराध की दुनियां में कदम रखा तो वह चोरी जैसे अपराधों में शामिल होना शुरू हो गया और 2016 में पहली बार हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
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इसके बाद उसने पूरी दिल्ली में आपराधिक गतिविधियां शुरू कर दी. वह छह आपराधिक मामलों में शामिल पाया गया है. "हनुमान जयंती" के दिन, उसने अपने साथियों के साथ मिलकर-जनता को उकसाया और विपरीत पक्ष और ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों पर पथराव, कांच की बोतलें फेंकी. दंगों के बाद, वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया. 22.07.2022 को जहांगीरपुरी दंगा मामले में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया. इसके अलावा इसके उपर 25 हजार रुपय का नगद ईनाम भी रखा गया.