जारचा कोतवाली के दो दरोगा सस्पेंड, रिश्वतखोर साथी की मदद के लिए पीड़ित को धमका रहे थे
जारचा कोतवाली में तैनात रहे एक दरोगा योगेंद्र सिंह ने मारपीट के मामले में समझौता करने के नाम पर रिश्वत की मांगी थी. मेरठ एंटी करप्शन टीम ने 7 जून को योगेंद्र सिंह को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था.
ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस को लेकर भले ही लाख दावे कर लें, लेकिन उत्तर प्रदेश की शो विंडो कहे जाने वाले गौतमबुद्ध जिले में तैनात कुछ पुलिसकर्मी सीएम के भी निर्देशों को ठेंगे पर रखते हैं. इसकी एक बानगी देखने को मिली है जारचा थाने में, जहां के दो दरोगा फोन पर एक शख्स को गांव छोड़ने की धमकी देते सुने गए. इस बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ग्रेनो की डीसीपी ने आरोपी दोनों दरोगा को निलंबित कर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं.
रिश्वत लेते एक दरोगा हुआ था गिरफ्तार
दरअसल जारचा कोतवाली में तैनात रहे एक दरोगा योगेंद्र सिंह ने करौंदा गांव के रहने वाले रफाकत से मारपीट के मामले में समझौता करने के नाम पर रिश्वत की मांगी थी. इसकी सूचना मिलने के बाद मेरठ एंटी करप्शन टीम ने 7 जून को जारचा कोतवाली के पास एक ढाबे में दरोगा योगेंद्र सिंह को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था.
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आरोपी दरोगा की मदद करने के लिए जारचा कोतवाली में तैनात दो दरोगा का पीड़ितों को धमकाने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें दरोगा आनंद और विनीत, रफाकत के भाई नन्हे को गांव छोड़ने की धमकी दे रहे हैं. उन्होंने गालीगलौज करते हुए रिश्वत मामले में बयान वापस लेने का दबाव बनाया और गांव नहीं छोड़ने पर पीटने की बात कही.
पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर से की शिकायत
इसके बाद नन्हे ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर दोनों आरोपी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. वायरल ऑडियो का संज्ञान लेते हुए ग्रेनो की डीसीपी मीनाक्षी कात्यायन ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए दरोगा आनंद और विनीत को निलंबित कर दिया.