Jhajjar News: हरियाणा में जाट समेत 6 जातियों को आरक्षण देने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है. विभिन्न मांगो को लेकर आज बहादुरगढ़ के केएमपी एक्सप्रेस-वे के पास सर्वजातीय सांसद का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल की अगुवाई में कई बड़े फैसले लिए गए. रमेश दलाल ने सरकार से चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले जाट समेत 6 जातियों को आरक्षण देने, एसवाईएल का पानी हरियाणा को देने, हरियाणा का अलग हाईकोर्ट बनाने, सम गोत्र विवाह को अवैध करार देने समेत पांच अलग-अलग मांगे रखी है. इतना ही नहीं मांगे पूरी नहीं होने पर रमेश दलाल ने आमरण अनशन करने की भी बात कही है.


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केएमपी एक्सप्रेस-वे के पास सर्वजातीय सांसद कार्यक्रम में भारी संख्या में मौजूद खाप प्रतिनिधियों और विभिन्न जातियों के प्रतिनिधियों ने एक बार फिर से हुंकार भरी है. इस बार राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने सरकार से जाट, रोड, जट सिख और मूले जाट समय 6 जातियों को चुनाव आचार संहिता लगने से पहले आरक्षण देने की मांग की है. इसके साथ ही एसवाईएल का पानी हरियाणा को देने और हरियाणा का अलग हाईकोर्ट बनाने की मांग भी की गई है. रमेश दलाल ने सम गोत्र विवाह को अवैध करार देने, जमीन अधिग्रहण और विकास परियोजनाओं को मंजूरी देने के साथ-साथ 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से करवाने की मांग भी की है.


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उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने उनकी सभी मांगे चुनाव आचार संहिता लगने से पहले पूरी नहीं की तो वह 1 मार्च से आमरण अनशन शुरू कर देंगे. तीन मार्च को केएमपी एक्सप्रेस-वे पर एक बार फिर से समीक्षा संसद का आयोजन किया जाएगा. जिसमें प्रदेशभर के खाप प्रतिनिधि और विभिन्न जातियों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. 10 मार्च के दिन रमेश दलाल ने मांगे पूरी करवाने के लिए दिल्ली संसद कूच करने का ऐलान किया है. रमेश दलाल भारी समर्थकों के साथ बिना डंडे, बिना किसी हथियार और बिना ट्रेक्टर ट्राली के पैदल ही दिल्ली जाने की बात कह रहे हैं.


राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने एमएसपी की मांग को लेकर हरियाणा पंजाब के बॉर्डर पर बैठे किसानों की मांग का भी समर्थन किया है. उन्होंने सरकार से किसानों की सभी मांगे जल्द से जल्द पूरी करने की भी मांग की है. जाटों समेत 6 जातियों को आरक्षण दिलवाने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है. आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में इसका काफी असर देखने को मिल सकता है. अब देखना होगा कि सरकार इन मांगों की तरफ कितना ध्यान देती है.


Input: सुमित कुमार