Jhajjar News: बहादुरगढ़ में एक अलग ही मामला सामने आया है. यहां करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन चोरी हो गई है. इसकी खबर अधिकारियों को भी है, लेकिन अधिकारी आंखे बंद करके सिर्फ तमाशा देख रहे हैं. नोटिस नोटिस खेल रहे हैं.


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करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन को खाली करवाने के लिए किसान सरकारी दफ्तरों के धक्के खाने को मजबूर हैं. दरअसल ये पूरा मामला बहादुरगढ़ के सैक्टर 32 का है. शादपुर और मांडौठी गांव के किसानों के खेतों में सेक्टर 32 बनाया गया है. किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए सरकार ने नहरी पानी का धाना या यूं कहे खाल बनवा रखे थे. इन खालों की चौड़ाई करीबन 11 फीट और लम्बाई कई किलोमीटर की है.


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सैक्टर 32 में इन दिनों औद्योगिक फैक्ट्रियों का निर्माण भी चल रहा है. इसका फायदा उठाकर फैक्ट्री मालिक अपनी जमीन के साथ लगते नहरी धाने को कब्जाने का काम कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही कब्जा विनोद जैन के बेटों गौरव और सौरव ने किया है. करीबन 11 फीट चौड़े और 300 फीट लम्बे नहरी धाने को गौरव और सौरव जैन ने अपनी फैक्ट्री के अंदर कर लिया है, जिससे आगे वाले किसान अपने खेत तक सिंचाई का पानी ले जाने से महरूम हो गए हैं. किसानों ने नहरी धाना कब्जाने से रोका तो उन्हें धमकियां दी गईं. किसानों ने बीडीपीओ को शिकायत भी की है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ.


नहरी धाने की मलकियत ग्राम पंचायत की होती है और उसका पूरा रिर्काड खंड विकास और पंचायत अधिकारी के पास भी होता है. इसलिए किसानों ने बीडीपीओ को शिकायत की. बीडीपीओ ने अक्टूबर और नवंबर महीने में दो नोटिस भी आरोपी फैक्ट्री मालिक को जारी किए, लेकिन उसके बावजूद बीडीपीओ ने कब्जा हटवाने का काम नही किया और न ही कोई कानूनी कार्रवाई आरोपी के खिलाफ की. हालांकि अब तीसरा नोटिस भी बीडीपीओ ने कब्जाधारक को जारी कर दिया है. बीडीपीओ उमेद का कहना है जल्द धाने की जमीन से कब्ज हटवाया जाएगा.


बीडीपीओ के कार्रवाई नहीं करने से परेशान किसानों ने अब एसडीएम को भी शिकायत दी है और सीएम विंडो पर भी अपील लगा दी है. नहरी धाने को कब्जाने का ये अकेला मामला नहीं है. किसानों के खेतों में कट रहे औद्योगिक सैक्टरों में सरकारी जमीन की लगातार चोरी हो रही है. अगर प्रदेश के हर क्षेत्र में इसकी जांच हो जाए तो ये बड़ा घोटाला और बड़ स्तर पर सरकारी जमीन पर कब्जे का खुलासा हो सकता है.


Input: Sumit Kumar