Kaithal News: मरते-मरते भी अगर कोई इंसान ऐसा काम करता है कि इतिहास के पन्नों में उसका नाम अमर हो जाता है. ऐसा ही कुछ कैथल की बालाजी कॉलोनी के निवासी 20 साल का साहिल कर गया. दरअसल साहिल का कैथल के ढांड रोड पर एक्सीडेंट हो गया था, जिसकी PGI चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई. सिर में चोट लगने की वजह से साहिल के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था. जिसके बाद परिजनों ने साहिल के शरीर के अंग दान करने का फैसला लिया. साहिल के शरीर के अंगों ने चार लोगों को नया जीवन दिया. साहिल का दिल चेन्नई के किसी मरीज के सीने में धड़क रहा है और अन्य तीन मरीजों को भी साहिल के अंगों से नया जीवन मिल गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

साहिल के पिता ने बताया कि साहिल का एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद PGI में साहिल का इलाज चला. सिर में चोट लगने की वजह से साहिल के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था. जिसको बचाया नहीं जा सका. उसके बाद साहिल के परिजनों ने कड़ा फैसला लेते हुए उसके शरीर के अंग दान किए. जिससे चार लोगों को नया जीवन मिला है. साहिल के पिता ने बताया कि वह पहले भी दानी स्वभाव का था. हर तीन महीने बाद रक्तदान  करता था, जिससे कि किसी का जीवन बचाया जा सके और ऐसा ही कुछ साहिल जाते-जाते कर गया. साहिल के पिता मजदूरी करते हैं. साहिल ने फिलहाल 12वीं पास की थी.


ये भी पढ़ें: Election 2024: मनोज तिवारी ने गिनाए काम, AAP विधायक बोले- गोद लिए गांव को देख लीजिए


साहिल का ह्रदय चेन्नई के एक मरीज को दान किया, जिसे तुरंत प्लेन से भेजा गया. पीजीआई में टर्मिनल रीनल बीमारी से जूझ रहे एक मरीज को साहिल की किडनी ने दूसरा जीवन प्रदान किया, जबकि दूसरी किडनी को ट्रांसप्लाट के लिए अयोग्य माना गया. दान किए गए कॉर्निया ने दो कॉर्निया (आंख) अंधे रोगियों की दृष्टि बहाल कर दी, जिससे अंग दाता की करुणा से 4 जिंदगियां प्रभावित हुई और किसी ना किसी रूप में साहिल चार लोगों को जीवनदान दे गया.


INPUT: VIPIN SHARMA