Kamada Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है, यह भगवान विष्णु को समर्पित है. एकादशी महीने में 2 बार आती है एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष.चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से दुख, दरिद्रता दूर होती है और सभी कामनाएं पूरी होती हैं. जानते हैं कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और पारण का समय.


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कामदा एकादशी 2023 (Kamada Ekadashi 2023)


चैत्र शुक्ल एकादशी तिथि की शुरुआत 1 अप्रैल प्रात: 01 बजकर 58 मिनट पर
चैत्र शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त 2 अप्रैल सुबह 04 बजकर 19 मिनट तक


कामदा एकादशी 2023 शुभ योग (Kamada Ekadashi 2023 Shubh Yoga)
इस बार कामदा एकादशी प रवि योग बन रहा है. साथ ही आज एकादशी के साथ शनिवार भी है, ऐसे में आज के दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु के साथ ही शनि देव की कृपा भी प्राप्त होगी. 


रवि योग - 1 अप्रैल सुबह 06 बजकर 12 मिनट से 2 अप्रैल सुबह 04 बजकर 04 मिनट तक


कामदा एकादशी पूजा विधि
कामदा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें. अब पूजा के स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और फिर उसमें चंदन, फूल, धूप अर्पित करें. अब भगवान को प्रसाद अर्पित करें और फिर कामदा एकादशी व्रत कथा सुनने के बाद आरती करें.


कामदा एकादशी का व्रत एकादशी के सूर्योदय से अगले दिन के सूर्योदय तक 24 घंटे की अवधि तक रखा जाता है. द्वादशी तिथि के दिन ब्राह्मण को दान देने के बाद व्रत का पारण करें. 


पारण का समय
2 अप्रैल दोपहर 1 बजकर 40 मिनट से शाम 4 बजकर 10 मिनट तक


जो लोग 02 अप्रैल को व्रत रख रहे हैं, वे 03 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 09 मिनट के बाद व्रत का पारण कर सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित की गई है. इसका उद्देश्य आपको सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE MEDIA इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.