करनाल: हरियाणा में हाल ही में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान नकल कराने के वीडियो वायरल हुए थे, इसके बाद प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे थे. इस बीच करनाल से गजब मामला सामने आया है. प्रदेश के राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में बिना प्रश्न पत्र के वार्षिक परीक्षाएं शुरू हुईं. शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण सरकारी स्कूलों में क्वेश्चन पेपर ही नहीं पहुंचे. एग्जाम हॉल में परीक्षा देने पहुंचे छात्रों को काफी देर तक क्वेश्चन पेपर का इंतजार करना पड़ा. 


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करनाल के अधिकांश स्कूलों में प्रश्न पत्र नहीं मिलने या कम संख्या में मिलने से स्कूलों में अफरातफरी का माहौल दिखा. घरौंदा स्थित गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल में बुधवार को कक्षा 4 का अंग्रेजी का पेपर था, लेकिन विभाग की तरफ से प्रश्न पत्र ही नहीं पहुंचे. स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि पिछले दिन भी एक क्लास का ही प्रश्न पत्र आया था और आज भी किसी पेपर की हार्ड कॉपी नहीं भेजी गई. स्कूल में 329 स्टूडेंट पढ़ते हैं. जब शिक्षा विभाग को इस बात की जानकारी दी गई तो उधर से सॉफ्ट कॉपी भेजी गई. 


परीक्षा देने के लिए आए छात्र परेशान दिखे. इधर स्कूल प्रशासन ने शिक्षा विभाग से संपर्क साधना शुरू कर दिया. काफी समय गुजर जाने के बाद विभाग ने अध्यापकों के मोबाइल पर क्वेश्चन पेपर की सॉफ्ट कॉपी भेजी गई. इसके बाद उनका प्रिंट निकलवाकर परीक्षा संपन्न कराई गई. दरअसल बच्चों का एग्जाम 9 से 11 तक होना था, लेकिन बच्चों को क्वेश्चन पेपर नहीं मिला. स्कूल में उन्हें लाइन में बैठा दिया गया. बाद में दोपहर को शिक्षकों ने क्वेश्चन पेपर की सॉफ्ट कॉपी के प्रिंट आउट निकलवाकर परीक्षा कराई. शिक्षा विभाग का कहना है कि कुछ परीक्षा केंद्रों पर पेपर नहीं पहुंचने की शिकायत मिली थी. इसके बाद उन्हें क्वेश्चन पेपर की सॉफ्ट कॉपी भेज दी गई. ये दिक्कत क्यों आई, इसका पता लगाया जा रहा है.


इनपुट: कमरजीत सिंह