Karnataka Swearing in Ceremony: कर्नाटक में पिछले कई दिनों से जारी खींचतान के बाद आखिरकार हाईकमान ने प्रदेश के नए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री  के नाम का ऐलान कर दिया. कई दिन तक जारी मंथन के बाद प्रदेश को अनौपचारिक तौर से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री मिल चुका है. अब औपचारिक तौर पर कल दोपहर 12.30 बजे शपथ ग्रहण होगा. शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ कई मंत्री भी शपथ लेंगे. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री के तौर पर डीके शिवकुमार शपथ लेने वाले हैं.


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इस शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के कई नेताओं को भी शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है. आपको बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह में कर्नाटक कांग्रेस ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को न्योता भेजा है. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को भी न्योता भेजा गया है. इस शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं को भी न्योता भेजा गया है. पार्टी ने नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, शरद पवार, हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे ममता बनर्जी,और फारूक अब्दुल्ला को भी न्योता भेजा गया है. मिली जानकारी के अनुसार व्यस्तता के चलते ममता बनर्जी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी.


किसान परिवार से संबंध रखते हैं सिद्धारमैया


कर्नाटक के होने वाले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. आपको बता दें कि सिद्धारमैया कांग्रेस पार्टी के पुराने साथी हैं और दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. जनता दल (सेक्युलर) से सिद्धारमैया ने कैरियर की शुरूआत की थी. एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली पार्टी से साल 2006 में निकाले जाने के बाद सिद्धारमैया ने कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी के हित में काम किया. वर्ष 2013 में जब कांग्रेस ने 122 सीटें जीतकर बहुमत हासिल की तब सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया गया था. 10 साल बाद एक बार फिर पार्टी ने सिद्धारमैया पर भरोसा जताते हुए दोबारा सीएम बनाने का फैसला लिया है.


कांग्रेस के संकटमोचक के रूप में है डीके शिवकुमार की पहचान


कर्नाटक के होने वाले उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की पहचान कर्नाटक के एक कद्दावर नेता के रूप में है. डीके शिवकुमार को पार्टी का संकटमोचक भी कहा जाता है. पार्टी के लिए कई बार डीके शिवकुमार ने कई कुर्बानियां दी हैं. शिवकुमार के समर्थन पियार से इन्हें ''कनकपुरा रॉक'' कहते हैं. आपको बता दें कि साल 2002 में महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम विलासराव देशमुख के लिए शिवकुमार ने बेंगलुरू में विधायकों को अपने रिजॉर्ट में रखा था. वहीं वर्ष 2017 में गुजरात राज्यसभा चुनाव के दौरान भी शिवकुमार ने अहमद पटेल की जीत में अहम भूमिका निभाई थी.