Khelo India Para Games 2023 : गुलफाम की जिद के आगे मुसीबत ने टेक दिए घुटने, पावरलिफ्टिंग में दिल्ली को दिलाया ब्रॉन्ज मेडल
Khelo India Para Games : दिल्ली के गुलफाम अहमद ने बुधवार को पुरुष पावर लिफ्टिंग में एलीट 59 किग्रा वर्ग में 134 किग्रा वजन उठाकर कांस्य अपने नाम किया.
Gulfam Ahmed Life Story: दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में चल रहे 'खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023' में 32 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और सेवा खेल बोर्ड के 1450 पैरा एथलीट हिस्सा लिया है. गत बुधवार को पुरुष पावर लिफ्टिंग में दिल्ली के गुलफाम अहमद ने एलीट 59 किग्रा वर्ग में 134 किग्रा वजन उठाकर कांस्य अपने नाम किया. इसके अलावा ओडिशा के गदाधर साहू ने 140 किग्रा वजन उठाकर स्वर्ण पदक और केरल के जोबी मैथ्यू (137 किग्रा) ने रजत जीता है. पैरों में समस्या के बावजूद गुलफाम सफलता के पायदान पर कैसे चढ़े, आइए ये भी जान लेते हैं.
पोलियो भी नहीं डिगा पाया
भजनपुरा निवासी गुलफाम ने बताया कि जन्म से ही उन्हें पोलियो की बीमारी थी. परिजनों ने उसका इलाज कराने के लिए हरसंभव कदम उठाए, लेकिन बहुत जल्द उन्हें ये महसूस हो गया कि अब गुलफाम को सारी जिंदगी इसी समस्या के साथ जीना होगा. काफी मायूसी हुई लेकिन फिर एक दिन उन्होंने देखा कि कैसे स्कूली बच्चे खेल रहे हैं. बच्चों को देख गुलफाम का भी मन भी खेलने का हुआ. यही वो समय था, जब गुलफाम की जिंदगी ने नया मोड़ ले लिया.
मिस्टर व्हीलचेयर खिताब किया अपने नाम
गुलफाम ने अपने जीवन के कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनकी जिद के आगे सारी मुसीबतों ने जैसे घुटने ही तक दिए. 2008 में उन्हें पैरा स्पोर्ट्स के बारे में पता चला. इसके बाद उन्होंने पैरा पावर लिफ्टिंग कॉम्पटीशन में भाग लेने का फैसला किया. उनका परिवार इन सब के खिलाफ था. बाद में जब गुलफाम ने नागपुर में आयोजित पैरा पावर लिफ्टिंग में कांस्य पदक अपने नाम किया. इसकी जीत के बाद परिवार के सभी सदस्यों का साथ उसे मिलने लगा. इसके बाद गुलफाम ने मेडल पर मेडल जीतना शुरू कर दिया और इस तरह उन्होंने जीने का मकसद पा लिया. इसके बाद उन्होंने मिस्टर व्हीलचेयर प्रतियोगिता में भी भाग लेने का निर्णय लिया और साल 2015 में उन्होंने ये टाइटल भी जीता.
हर मुश्किल को किया जा सकता है पार
उनके उत्कृष्ट साहस और संघर्ष के बाद गुलफाम ने एक नए ऑनलाइन कंपटीशन 'मोस्ट इंप्रेसिव फेस' की तरफ कदम बढ़ाया. वह चाहते हैं कि इस पर जीतने वालों की तस्वीरें मिस्टर और मिस व्हीलचेयर के सोशल मीडिया पेज पर शेयर की जाएं. गुलफाम की कहानी ने दिखाया है कि विरोधों और चुनौतियों के बावजूद अगर हमारी मेहनत में ईमानदारी है, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं.