Delhi News: कोलकाता में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के विरोध में आठ दिन से हड़ताल कर रहे चिकित्सकों ने सोमवार को निर्माण भवन के बाहर वैकल्पिक बाह्य रोगी सेवाएं (ओपीडी) प्रदान कीं. सोमवार को निर्माण भवन में स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यालय के सामने सड़क पर चिकित्सक अपने नाम और विशेषज्ञता - ऑर्थो ओपीडी, न्यूरोलॉजी ओपीडी, मनोचिकित्सा ओपीडी, पीएमआर - दर्शाने वाले कागज लेकर बैठे थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'अस्पताल में नहीं हैं सेफ'
रोगियों की जांच करने के लिए सड़क पर बैठे एक चिकित्सक ने कहा, "अस्पताल में, कोई सुरक्षा या संरक्षण नहीं है. कम से कम यहां, हमारे आसपास पुलिस हैं, इसलिए हम यहां मरीजों का इलाज कर सकते हैं. हमारे पास खुद के लिए लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. क्योंकि कोई भी हमें सहानुभूति और खोखले आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है."


डॉक्टरों ने किया प्रतीकात्मक विरोध
डॉक्टर अंसार ने कहा, "हम यहां जिस ओपीडी का संचालन कर रहे हैं वह एक प्रतीकात्मक विरोध है. हम विरोध भी कर रहे हैं और ओपीडी सेवाएं भी दे रहे हैं." उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि सीबीआई (कोलकाता बलात्कार-हत्या की घटना के) दोषियों को पकड़े और अदालत अधिकतम सजा दे. हम सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो."


आठ दिन से कर रहे हैं प्रदर्शन
सोमवार को, लगभग 300 से 400 लोग निर्माण भवन में एकत्र हुए. उनके हाथ में झंडे और तख्तियां थीं तथा उन्होंने लाल और काले रंग से रंगे सफेद 'एप्रन' पहन रखे थे. प्रदर्शनकारी चिकित्सकों में से एक ने कहा, "हम चिकित्सक यहां आठ दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, और अब तक कुछ भी नहीं बदला है. हम रुकेंगे नहीं, केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम (सीपीए) लागू होने तक हड़ताल जारी रहेगी."


ये भी पढ़ें: हड़ताल जारी रहने तक निर्माण भवन के बाहर मिलेगी AIIMS की ओपीडी सेवा, RDA का फैसला


सुरक्षा संरक्षण अधिनियम की है जरूरत
डॉक्टर प्रशस्ति ने कहा कि महिला चिकित्सक काम करते वक्त डरती हैं. उन्होंने कहा, "हमें एक सुरक्षा संरक्षण अधिनियम की आवश्यकता है ताकि हम कार्यस्थल पर सुरक्षित महसूस कर सकें. इस क्रूरता ने हमारे दिल और दिमाग को झकझोर कर रख दिया है." कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में एक चिकित्सक से बलात्कार और हत्या के मामले में राष्ट्रीय राजधानी में डॉक्टरों की हड़ताल को रविवार को एक सप्ताह पूरा हो चुका है और अब यह दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुकी है, जिसकी वजह से रोगियों को परेशानी हो रही है.


रेजिडेंट डॉक्टरों ने की थी घोषणा
रविवार देर रात रेजिडेंट डॉक्टरों ने घोषणा की थी कि उनकी हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने सोमवार को निर्माण भवन के बाहर मरीजों को मेडिसिन, सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, नेत्र विज्ञान और हड्डी रोग समेत लगभग 36 ओपीडी सेवाएं प्रदान करने का निर्णय लिया था. हालांकि, अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी.