Delhi Assembly Election 2025: नई दिल्ली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित (Sandeep Dikshit) ने मंगलवार को एलजी वीके सक्सेना और दिल्ली पुलिस के आयुक्त संजय अरोड़ा को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री आतिशी (Atishi) और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है. दीक्षित का आरोप है कि केजरीवाल ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए एक बयान में दिल्ली की जल आपूर्ति को 'जहर' देने के आरोप लगाए हैं. 


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दीक्षित ने पत्र में लिखा कि मैं आपको अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सख्त और तत्काल कार्रवाई के लिए लिख रहा हूं. उन्होंने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौंकाने वाला और गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली की पानी की आपूर्ति 'जहरीली' हो गई है और पड़ोसी राज्य की सरकार (हरियाणा सरकार) ने दिल्ली के लोगों के खिलाफ 'नरसंहार' की योजना बनाई है.


संदीप दीक्षित ने दावा किया कि केजरीवाल ने राजनीतिक लाभ के लिए दिल्ली के लोगों के खिलाफ नरसंहार की योजना बनाने का आरोप लगाया.  उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी प्रचार के दौरान मुद्दों को उठाना आवश्यक है, लेकिन बिना सबूत के ऐसे बयान जो जनता में आतंक फैलाते हैं, स्वीकार नहीं किए जा सकते. 


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कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने यह भी कहा कि आतिशी ने अपने नेता के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि 'जहर' का संदर्भ यमुना के पानी में पीपीएम की मात्रा से है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यमुना में पीपीएम की मात्रा पहली बार बढ़ी है? पिछले 10 वर्षों में केजरीवाल और उनके सहयोगियों ने पानी की गुणवत्ता के मुद्दों को हल करने के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि कितने गरीब लोग आज पानी की बोतलें खरीदने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि उन्होंने अपने मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के यह आरोप सुने हैं कि उन्हें जो पानी मिल रहा है, वह जहर दिया गया है. 


वहीं दिल्ली जल बोर्ड (DJB) ने इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है. दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल द्वारा 'नरसंहार' शब्द का प्रयोग जनता में आतंक फैलाने के उद्देश्य से किया गया है. संदीप दीक्षित ने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने दिल्ली के मुद्दों को हल करने में विफलता दिखाई है और अब वे डर फैलाकर वोट मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह BNS की धारा 353 के तहत एक स्पष्ट अपराध है. अगर इससे और आतंक और जन अशांति होती है तो यह राजद्रोह और अन्य गंभीर अपराधों के अंतर्गत भी आएगा. 


दीक्षित ने मांग की कि एक उच्च स्तरीय जांच तुरंत शुरू की जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि केजरीवाल और आतिशी द्वारा हरियाणा सरकार के खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोप सत्य हैं या नहीं.