Ghaziabad By Election Result 2024: गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव के परिणाम अब सामने आ चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संजीव शर्मा ने 69,676 मतों से जीत हासिल की है. उन्होंने कुल 96,550 वोट प्राप्त किए, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) के सिंह राज जाटव को 27,174 वोट मिले. बसपा के पीएन गर्ग ने 10,729 वोट प्राप्त किए. इस चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें संजीव शर्मा ने भाजपा की ओर से जीत दर्ज की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बीजेपी के संजीव शर्मा की प्रोफाइल
संजीव शर्मा, जो हापुड़ जनपद के पिलखुवा के निवासी हैं, पिछले 20 वर्षों से शालीमार गार्डन में रह रहे हैं. उनकी चार्टर्ड अकाउंटेंट की डिग्री है और वे प्रॉपर्टी के कारोबार में संलग्न हैं. शर्मा ने 2007 में भाजपा में शामिल होने के बाद संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष रहे हैं और 2019 में भाजपा के महानगर अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाली. 


सपा के सिंह राज जाटव का राजनीतिक सफर
सिंह राज जाटव, जो गाजियाबाद के विजयनगर क्षेत्र से हैं, ने स्नातक की पढ़ाई की है. वे 18 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं और कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं. जाटव ने बसपा में भी कार्य किया है और वर्तमान में सपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा है. 


ये भी पढ़ें: AAP के दो मुख्यमंत्री और कई मंत्रियों ने पिछले 10 वर्षों से दिल्ली को लूटा है-सचदेवा


बसपा के पीएन गर्ग का विवाद
बसपा के पीएन गर्ग ने इस बार वैश्य समाज के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा. वे पहले सपा में रह चुके हैं और उनकी पत्नी को सपा ने मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, टिकट कटने के कारण गर्ग नाराज हो गए और उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. 


गाजियाबाद सीच का जातीय समीकरण 
गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यहां दलित वोटर्स 80,000, ब्राह्मण 55,000, ओबीसी 45,000, वैश्य 35,000, मुस्लिम 50 से 55 हजार और ठाकुर वोटर्स 25,000 हैं. यह समीकरण चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में अहम साबित हो सकता है. 


मतदान की स्थिति
गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में कुल 4,61,360 मतदाता हैं. यहां 119 मतदान केंद्र और 506 मतदान स्थल बनाए गए थे. पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,54,017 और महिला मतदाता 2,07,314 हैं. इस चुनाव ने गाजियाबाद की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है.