विजय राणा/चंडीगढ़: हरियाणा में करीब दो दर्जन सरकारी विभागों का आपस में विलय कर एक दर्जन नए विभाग बना दिए गए हैं. समान प्रकृति के विभागों के विलय के बाद संबंधित मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल होगा. मंत्रियों के विभागों में नए सिरे से बंटवारा किसी भी समय हो सकता है. राजनीतिक गलियारों में हालांकि मंत्रिमंडल में बदलाव की खबरें हैं, लेकिन इन खबरों में खास दम नहीं है. न ही हाल फिलहाल किसी मंत्री की छुट्टी होने की सूचना है. विभागों को आपस में मर्ज करने के बाद जो नए विभाग बनेंगे, उनका मंत्रियों में नए सिरे से बंटवारा होगा.


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21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हुई बैठक में उन विभागों को मर्ज करने का फैसला लिया गया था, जिनकी प्रकृति समान है. अलग-अलग मंत्री होने की वजह से फाइलें लटकती रहती हैं. तकनीकी शिक्षा और विज्ञान विभाग को उच्चतर शिक्षा विभाग में मर्ज कर विभाग का नया नाम उच्चतर शिक्षा विभाग होगा. वर्तमान में उच्चतर शिक्षा कंवर पाल गुर्जर के पास है और तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज हैं.


इसी तरह नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा यानी अक्षय ऊर्जा विभाग को बिजली विभाग में शामिल कर विभाग का नया नाम ऊर्जा विभाग किया गया है. वर्तमान में दोनों विभाग रणजीत सिंह चौटाला के पास हैं. कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग, रोजगार विभाग तथा युवा मामले विभाग को मर्ज कर युवा सशक्तीकरण और उद्यमशील विभाग का नाम दिया गया है. 


अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को मर्ज कर नया नाम सामाजिक न्याय, सशक्तीकरण, अंत्योदय और अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग दिया गया है. पर्यटन और पुरातत्व तथा संग्रहालय एवं अभिलेखागार विभागों को आपस में मर्ज कर नया नाम विरासत एवं पर्यटन दिया गया है.


इलेक्टोनिक एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलाजी डिपार्टमेंट को खत्म कर इसका काम उद्योग विभाग व मानव संसाधन सूचना विभाग को दिया जाएगा. वन एवं वन्य जीव तथा पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग को विलय कर नया नाम वन, वन्य जीव और पर्यावरण विभाग किया जा रहा है. सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के साथ अब प्रिंटिंग और स्टेशनरी तथा कला व संस्कृति विभागों को भी मर्ज किया गया है. निगरानी एवं समन्वय तथा प्रशासन सुधार विभागों का काम अब मानव संसाधन विभाग देखेगा. नए विभाग का नाम सामान्य प्रशासन लोक निर्माण तथा वास्तुकार विभाग नया बनाया गया है, जिसमें राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, चकबंदी शामिल किए गए हैं. वहीं अग्निशमन सेवाओं को शहरी निकाय विभाग से निकालकर आपदा एवं प्रबंधन विभाग में शामिल किया गया है. आपूर्ति एवं निपटान विभाग अब वित्त विभाग के अधीन काम करेगा.