Kaithal News: कैथल के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष व JJP नेता दिग्विजय सिंह चौटाला कार्यकर्ताओं से मुलाकात के लिए पहुंचे. उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव और 3 मार्च को होने वाली पार्टी की मीटिंग के लिए कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श किया. कुरुक्षेत्र की लोक सभा सीट पर JJP अपनी मजबूत दावेदारी पेश करेगी, इसके लिए आज कार्यकर्ताओं से बातचीत की गई है. वहीं उन्होंने कहा कि हम चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. शाहबाद के अंदर हमारी जो रैली हुई थी वो भी पूरी तरह से कामयाब रैली कही जा सकती है. जैसा कि जेजेपी की अभी तक छह रेलियां हुई हैं, जिनमें भीड़ का किसी के साथ कोई मुकाबला नहीं है. 


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गठबंधन का फैसला दोनों पार्टियों के शीर्ष द्वारा किया जाएगा
गठबंधन को लेकर दिग्विजय ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि गठबंधन का फैसला दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व द्वारा किया जाएगा कि वो इकट्ठे चुनाव लड़ेंगे या फिर अलग अलग चुनाव लड़ेंगे. किसानों की मांगों पर कहा कि केंद्र में बैठे लोगों को किसानों की जो मांगे हैं उनको सुनना चाहिए और मानना भी चाहिए, क्योंकि हमारा देश और प्रदेश कृषि प्रधान देश है. यहां की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी किसानी पर निर्भर है. किसानों पर जब भी कोई संकट आता है इसका मतलब चौधरी देवीलाल के परिवार पर संकट आता है. तीन काले कानूनों की जहां तक बात है वो जायज थी और वो वापिस होने चाहिए थे. बड़ी मजबूती से हमारी पार्टी ने कहा था कि वह वापस होना चाहिए. 


सरकार को किसानों से बैठकर बात करनी चाहिए 
हरियाणा और पंजाब दो ऐसे प्रदेश है जहां पर MSP पंजाब के मुकाबले हरियाणा में अधिक फसलों पर MSP दिया जाता है. उधर सरकार को MSP के इस मुद्दे को जल्दी से जल्दी सुलझा लेना चाहिए. सरकार को चाहिए कि किसानों के साथ टेबल पर बैठकर बात करनी चाहिए.  इसका आधा खर्च स्टेट गवर्नमेंट वहन करें और आधा खर्च केंद्र सरकार. ऐसा करने से दूसरे स्टेट की लीडरशिप की स्थिति भी साफ हो जाएगी. नफे सिंह राठि की हत्या  पर उन्होंने कहा कि हत्या हुई हैं यह जांच का विषय है.


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'आप'- कांग्रेस पर कसा तंज 
कैथल पहुंचे  सुशील गुप्ता और दिग्विजय चौटाला से सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि उनकी जो सहयोगी पार्टी कांग्रेस है सबसे ज्यादा सरकारी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग उन्होंने किया है. सुशील गुप्ता जब हमारे साथ खड़े होते थे तो खुद कांग्रेस के खिलाफ बोलते थे. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सदैव एक दूसरे का विरोध किया है. इस चीज का इतिहास गवाह है की आम आदमी पार्टी कांग्रेस के विरोध में जन्मी थी. मगर पहली जो सरकार बनी उसमें ये दोनों इकट्ठे हो गए. हम कह सकते हैं कि ये सांप एक ही है, लेकिन चेहरे अलग अलग हैं. दोनों पार्टियों का नाम अलग-अलग हो सकता है, लेकिन हैं दोनों इकट्ठे ही. हमने गठबंधन में हुए फायदे के अनुसार अपने 80% वायदे पूरे कर लिए हैं और 20% वायदों के लिए हम प्रयासरत हैं.


Input- VIPIN SHARMA