नई दिल्ली : Mukhtar Abbas Naqvi Resigns :  अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी  (Mukhtar Abbas Naqvi) ने बुधवार को मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया है. नकवी राज्यसभा में बीजेपी के उपनेता है और उनका कार्यकाल गुरुवार को खत्म हो रहा है. बुधवार को ही हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश और लोगों की सेवा में नकवी के योगदान की सराहना की थी. नकवी के अलावा केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने भी इस्तीफा दिया है. 


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पिछले दिनों 15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव संपन्न हुआ, लेकिन मुख्तार अब्बास नकवी को कहीं से भी उम्मीदवार नहीं बनाया गया. मोदी सरकार  से इस्तीफा देने वाले नकवी पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर और सैयद जफर इस्लाम के बाद तीसरे मुस्लिम सांसद हैं. आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. 


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सूत्रों की मानें तो बैठक में नकवी की नई भूमिका के बारे में चर्चा की गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के तौर पर नकवी के नाम पर विचार कर रही है. बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election) की तारीखों के ऐलान के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने उम्मीदवार खोज रही है. 


कल से मोदी सरकार में नहीं होगा एक भी मुस्लिम सांसद 


नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही काफी समय बाद ऐसा होगा, जब भाजपा के 395 सांसदों में से कोई भी मुस्लिम सांसद नहीं होगा. विपक्ष भाजपा पर संसद में मुसलमानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं देने का आरोप लगाता रहा है, लेकिन बीजेपी का कहना है कि उनके सांसद सभी समुदायों के लिए काम करते हैं और किसी धर्म विशेष के प्रतिनिधि नहीं हैं.


तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं नकवी 


दशकों से मुस्लिम भाजपा सांसदों की संसद में नाममात्र की उपस्थिति रही है. नकवी खुद तीन बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं, नजमा हेपतुल्ला दो बार और शाहनवाज हुसैन (वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री हैं ) दो बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं. नकवी एक कार्यकाल के लिए लोकसभा सदस्य भी रहे हैं.


भाजपा में जिम्मेदारियां बदलती रहती हैं


भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख जमाल सिद्दीकी ने कहा कि राजनीति को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। सांसदों को जनप्रतिनिधि के रूप में चुना जाता है, न कि किसी धर्म के. इसलिए भले ही हमारे धर्म या जाति का कोई नहीं है पर हमें यह समझना चाहिए कि हमारे अपने देशवासी हैं. भाजपा में जिम्मेदारियां बदलती रहती हैं और मुझे विश्वास है कि पार्टी सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगी. अब देखना होगा कि नकवी अगर उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे तो विपक्ष के पास ऐसा कौन सा चेहरा है, जिसे वह नकवी के सामने उतारना चाहेगी. 


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