National Girl Child Day 2023: देश के योगदान में महिला और पुरुष दोनों का योगदान है, लेकिन महिलाओं को हमेशा पुरुषों से कम आंका जाता है. यही वजह है कि आज भी देश में लाखों बेटियां कोख के अंदर की मार दी जाती हैं. देश और समाज के विकास में बालिकाओं के योगदान को को समझाने के लिए हर साल 24 जनवरी को ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ को रूप में मनाया जाता है. साल 2008 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) द्वारा इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई.


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24 जनवरी को क्यों मनाते हैं बालिका दिवस?
24 जनवरी को ही बालिका दिवस मनाए जानें के पीछे एक बेहद खास बजह है. दरअसल देश की पहली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने  प्रधानमंत्री बनने के बाद 24 जनवरी को शपथ ग्रहण की थी. इस दिन को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काफी अहम माना जाता है, क्योंकि आजादी के बाद पहली बार देश की जिम्मेदारी किसी महिला के कंधे पर थी. महिलाओं के सशक्तिकरण के इस दिन को यादगार बनाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से 24 जनवरी को बालिका दिवस मनाने की शुरुआत हुई.


National Girl Child Day की थीम
हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस एक विशेष थीम पर मनाया जाता है, इस साल बालिका दिवस की थीम क्या होगी इस बारे में अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है. इससे पहले राष्ट्रीय बालिका दिवस 'डिजिटल पीढ़ी, हमारी पीढ़ी' की थीम पर मनाया गया था.


National Girl Child Day पर होते हैं अलग-अलग तरह के आयोजन
राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) के मौके पर देशभर में अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों को जागरुक किया जाता है. इस दिन भ्रूण हत्या, लड़कियों को लेकर फैले अंधविश्वास, बाल-विवाह, दहेज प्रथा जैसे मुद्दों को लोगों के सामने रखा जाता है. साल 2022 में PM मोदी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों की छात्राओं से वर्चुअल मीट करके बातचीत की थी.