नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में सोनिया गांधी से तीसरे दिन भी पूछताछ की. अब तक सोनिया से 100 से ज्यादा सवाल पूछे जा चुके हैं. इन सवालों के जवाब में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नपे-तुले अंदाज में जवाब दिया. उनका तरीका राहुल गांधी जैसा था. राहुल गांधी की तरह सोनिया गांधी ने भी इस मामले में दिवंगत कांग्रेसी नेता मोती लाल वोरा (Moti Lal Vora National Herald Case) नाम सामने किया है.


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जांच एजेंसी ने उनसे एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े वित्तीय लेनदेन के बारे खुलकर पूछा. ED से जुड़े सूत्रों की माने तो सोनिया ने बताया है कि वित्त संबंधी सभी मामले मोतीलाल वोरा संभाला करते थे. हालांकि कि मोतीलाल वोरा का साल 2020 में निधन हो चुका है. मोती लाल वोरा लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष थे. 


इन तीन दिनों में ईडी ने सोनिया गांधी से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की है और करीब 100 सवाल पूछे हैं. ईडी ने राहुल गांधी से भी 100 सवाल पूछे थे. उन पर भी इस मामले में मामला दर्ज है. उस वक्त राहुल गांधी ने भी मोतीलाल वोरा का नाम लिया था. कहा था कि उस वक्त कंपनी की वित्तीय लेनदने की जानकारी उन्हीं के पास थी.


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कहां-कहां है संपत्ति?
सोनिया गांधी से पूछताछ में ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कि यंग इंडियन (वाईआई) ने एजेएल और उसकी संपत्तियों का अधिग्रहण करने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई थई. ईडी एजेएल की अचल संपत्ति के बारे में जानना चाहती है जो दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, भोपाल और चंडीगढ़ जैसे शहरों में कांग्रेस सरकारों द्वारा रियायती दरों पर प्रदान की गई थी.


वो तीन अहम सवाल, जो ED ने पूछे?
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को 3 घंटे तक पूछताछ की. हालांकि उन्हें अब तक कोई नया नोटिस नहीं दिया है. यानि फिलहाल उनसे पूछताछ अभी नहीं होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED ने सोनिया से पूछा कि यंग इंडिया के लेन-देन से जुड़ी कितनी बैठकें आपके घर 10 जनपथ पर हुईं हैं. यंग इंडिया लिमिटेड संस्था किस क्षेत्र में काम करती है? लेनदेन के बारे में आपको क्या जानकारी है? इसके शेयर किस तरह बिके? इस पर सोनिया गांधी ने ज्यादा प्रतिक्रिया न देते हुए सिर्फ इतना कहा कि उस वक्त मोतीलाल वोरा कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष थे.


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क्या है असल मामला?
टीओआई में छपी खबर के मुताबिक एजेंसी ने बताया कि यंग इंडियन ने कांग्रेस को 1 करोड़ रुपये में से केवल 50 लाख रुपये दिए थे, जो कि डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड से था. इस पर ईडी को शक है कि कोलकाता स्थित एक मुखौटा कंपनी है. हालांकि कांग्रेस ने दावा किया कि उसने एजेएल कंपनी को अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि बकाया और वीआरएस बकाया के भुगतान के लिए 90.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. जबकि ईडी का मानना है कि पार्टी के पदाधिकारी कथित भुगतान का कोई सबूत नहीं दे पाए. यह भी नहीं बता पाए कि पैसे कैसे में या चेक के जरिए दिए गए. इस पर ईडी का कहना है कि यंग इंडियन का दावा है कि उसने एजेएल के कांग्रेस के कर्ज को अपने कब्जे में ले लिया और बदले में पार्टी ने एजेएल की 100% हिस्सेदारी को ट्रांसफर कर दिया.


राहुल गांधी से भी हुई थी 5 दिन तक पूछताछ
इस लेनदेन के कथित घोटाले में सोनिया और राहुल गांधी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने उनके खिलाफ आरोपों का संज्ञान लिया था और आयकर आंकलन रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत केस दर्ज कर मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. ईडी इसी मामले का पता लगाने के लिए सोनिया और राहुल से पूछताछ कर रही है.