National Sport day: मेजर ध्यानचन्द का नाम विश्व के सबसे महान खिलाड़ियों में शुमार है, उन्होंने हॉकी में 3 ओलंपिक स्वर्ण पदक अर्जित किए है, जिसकी वजह से उन्हें 'हॉकी का जादूगर' और 'हॉकी विजार्ड' का टाइटल' दिया गया. हॉकी में उनके योगदान के लिए हर साल 29 अगस्त को उनके जन्मदिवस को नेशनल स्पोर्ट्स डे के रूप में मनाया जाता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और सभी को राष्ट्रीय खेल दिवस की बधाई दी. इसके साथ ही पीएम मोदी ने पिछले कुछ सालों को खेलों  के लिए काफी अच्छा बताया. 



 


Asia cup 2022 में भारत ने लिया पाकिस्तान से बदला, शानदार जीत के हीरो बने ये खिलाड़ी


 


National Sport day मनाने का उद्देश्य
राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का उद्देश्य खेल और खेल भावना को सम्मान देना है, इसके साथ ही देशभर के लोगों को खेल के महत्व को समझाकर उन्हें जागरुक करना भी है. 


खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले पुरस्कार
1. देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार ध्यानचंद अवार्ड.
2. अर्जुन खेल पुरस्कार
3. राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 
4. राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड
5. द्रोणाचार्य अवार्ड 


मेजर ध्यानचंद का जन्म
मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था, साल 1928 में उन्होंने देश के लिए पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद 1932 और 1936 में भी उन्होंने अपने शानदार केल से देश को 2 और पदक दिलाए. हॉकी खेल में भारत का नाम ऊंचा करने वाले मेजर ध्यानचंद की इसी उपलब्धि की वजह से उनको 'हॉकी का जादूगर' कहा जाता है. साथ ही हॉकी में उनके योगदान के लिए उन्हें देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. 


मेजर ध्यानचंद को हिटलर का प्रस्ताव
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद और जर्मन तानाशाह हिटलर का एक किस्सा काफी मशहूर है, साल 1936 में जर्मनी के बर्लिन ओलंपिक में हॉकी फाइनल के दौरान भारत और जर्मनी आमने-सामने थे. जर्मनी हर हाल में ये मैच जीतना चाहता था लेकिन मेजर ध्यानचंद ने जर्मनी को  8-1 से बुरी तरह हरा दिया. इस मैच में हिटलर भी मौजूद था, उसने मेजर ध्यानचंद के खेल से प्रभावित होकर उन्हें जर्मन नागरिकता, सेना में कर्नल और धन-दौलत देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन मेजर ध्यानचंद ने उसे इंकार कर दिया.