नई दिल्ली: नेशनल कंपनीज लॉ एपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मैक स्टार मार्केटिंग के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के NCLAT के आदेश को खारिज कर दिया है. एपीलेट ट्रिब्यूनल की दो सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि यस बैंक ने जो टर्म लोन दिया है वो आंखों में धूल झोंकने वाला है. इस तरह का लेनदेन फाइनेंशियल लोन की परिभाषा के दायरे में नहीं आता है. ऐसी स्थिति में, सुरक्षा परिसंपत्ति पुनर्निर्माण को वित्तीय लेनदार के रूप में नहीं माना जा सकता है.


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लोन देने के दिन ही आई 99% राशि
NCLAT ने कहा है कि मैक स्टार (Mack Star) के नाम पर यस बैंक (Yes Bank) द्वारा मंजूर किए गए 147.6 करोड़ रुपये के ऋण में से 99% से अधिक राशि या तो उसी दिन या बहुत कम समय में बैंक को वापस कर दी गई. उन्होंने इस लेन-देन के पीछे बैंक के किसी छिपे मकसद की संभावना भी जताई है. इसके अलावा किसी भी संबंधित ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने से पहले ही यस बैंक द्वारा मैक स्टार को 100 करोड़ रुपये का वितरण किया गया था और मैक स्टार के नाम पर यस बैंक द्वारा वितरित 40 करोड़ रुपये का सावधि ऋण सीधे HDIL के यस बैंक खाते में जमा किया गया था. मैक स्टार के खाते में जमा की गई, होल्डिंग कंपनी ने प्रस्तुत किया था.


जानें पूरा मामला
बता दें कि NCLAT की मुंबई पीठ ने सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन की तरफ से दायर याचिका के आधार पर मैक स्टार मार्केटिंग के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. एनसीएलएटी (NCLAT) ने 27 अक्टूबर, 2021 को एनसीएलटी द्वारा जारी आदेश को रद्द कर दिया था. यस बैंक (Yes Bank) की तरफ से सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन (Suraksha Asset Reconstruction) को कर्ज देने के लिए अधिकृत किया गया था.