Nuh Violence: नूंह में 31 जुलाई 2023 को ब्रज मंडल शोभा यात्रा के दौरान हुए दंगे को करीब 7 महीने बीत जाने के बाद एक बार फिर ये मामला चर्चा में है. दरअसल, अब इस पूरे मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम-1967 (UAPA) कि धारा जोड़ी गई है. एफआईआर नंबर 149, 253 ,257 और 401 में हिंसा के आरोपियों पर यूएपीए की धारा जोड़ने की बात सामने आई थी. वहीं अब नगीना थाना में दर्ज एफआईआर नंबर 149 में भी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम-1967 (UAPA) धारा जोड़ी गई है. 


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नूंह हिंसा मामले में फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान सहित 43 आरोपियों का नाम शामिल है, जो अभी जमानत पर बाहर हैं. इस बात का खुलासा आरोपी पक्ष के वकील ताहिर हुसैन रुपडिया ने किया है. उन्होंने कहा कि नूंह हिंसा मामले में एफआईआर नंबर 149 में भी यूएपीए धारा 3,10,11 जोड़ी गई है, जिसमें फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान सहित नूंह हिंसा के आरोप में 43 लोगों को नामजद किया गया था. 


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बता दें कि नूंह में हुई हिंसा के दौरान बडकली चौक पर आगजनी, लूटपाट, सरकारी वाहनों को आग के हवाले करने और लोगों को भड़काने जैसी हिंसक घटनाओं में विधायक मामन खान की संलिप्तता होने की बात सामने आई थी. जिसके बाद एसआईटी द्वारा विधायक मामन खान को जांच में शामिल होने के लिए दो बार नोटिस दिया गया, लेकिन वह एक भी बार जांच में शामिल नहीं हुए. हालांकि, गिरफ्तारी और जांच से बचने के लिए विधायक मामन खान ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली, जिसके बाद नूंह पुलिस की एक विशेष टीम ने मामन खान को 14 सितंबर 2023 को जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया. मामन खान पर नगीना में दर्ज एफआईआर 149 में धारा 307, 395, 397, 348, 148, 149, 323, 436 आदि लगाई गई हैं. 


नूंह हिंसा के दौरान छह लोगों की मौत हुई थी, वहीं काफी संख्या में लोग घायल भी हुए थे. इस मामले में पुलिस ने अलग–अलग थानों में करीब 61 मुकदमे दर्ज किए थे. जिन मुकदमों में यूएपीए लगाया गया है,वो मुकदमे दो होमगार्ड व एक बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या से जुड़े हुए हैं. आरोपियों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 186, 342, 332, 353, 307, 302, 333, 395, 397 व 120बी और शस्त्र अधिनियम की धारा 25, 54 और 59 के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसमें अब UAPA जोड़ा गया है.


नूंह हिंसा के आरोपी विधायक मामन खान के अधिवक्ता ताहिर हुसैन रुपडिया का कहना है कि इन सभी केस में यूएपीए की धारा का कोई आधार नहीं बनता. ऐसी धाराएं देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े संगठन या व्यक्ति विशेष पर लगाई जाती हैं. नूंह हिंसा में आरोपियों का कोई ऐसा बैकग्राउंड नहीं था, जो किसी संदिग्ध संस्था से जुड़ा हो .यह कानून के खिलाफ धारा लगाई गई हैं, जिसके खिलाफ वो लड़ेंगे. 


भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया
मामन खान पर UAPA लगाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यूएपीए लगाने का कोई मतलब नहीं बनता. यह धारा आतंकवादियों पर लगाई जाती है, मामन खान हमारे विधायक हैं. हम इस बारे में बात करेंगे.


Input- Anil Mohania