Ghaziabad Jail News: हर बच्चे की जिंदगी में उसका पिता एक अहम किरदार निभाता है. पिता वह शख्सियत होता है जो सारे दुख कष्ट सहते हुए अपने परिवार और बच्चों पर गलत छाया तक नहीं पढ़ने देता. इन सब के बावजूद ऊपर से कठोर बनकर परिस्थितियों को सहते हुए अपने परिवार के हित में लगा रहता है. माता को यदि परिवार का दिल कहा जाए तो पिता को परिवार के रीढ़ की हड्डी माना जाता है, जो कि हर परिस्थिति में परिवार को सही से खड़ा करने में हमेशा अपना योगदान देता है. पिता के इस किरदार को धन्यवाद देने के लिए हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स-डे के रूप में मनाया जाता है. इस बार यह आज यानी रविवार 16 तारीख को मनाया जा रहा है.


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जेल मनाया जा रहा फादर्स डे
गाजियाबाद के डसना जेल प्रशासन द्वारा फादर्स डे पर एक अनूठी शुरुआत की गई है, ताकि जेल में बंद कैदियों के बच्चे उन्हें शुभकामनाएं और अपने संदेश भेज सकें. इसके तहत जेल में बंद लोगों के बच्चों ने उन्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजकर शुभकामनाएं भेजी है. उस मुश्किल वक्त में बच्चे अपने पिता के साथ खड़े दिखाई दिए जब पिता को भी उनके साथ की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हो रही थी. इंडिया विजन फाउंडेशन ने पहल करते हुए जेल में बंद लोगों के परिवार और बच्चों से ग्रीटिंग इकट्ठा करके जेल प्रशासन को सौंपा है, जिसके बाद जेल प्रशासन द्वारा यह ग्रीटिंग कार्ड उनके पिता तक पहुंचाया गया है. साथ ही ग्रीटिंग कार्ड में लिखे हुए संदेशों को जेल परिसर में ही मौजूद रेडियो से भी प्रसारित किया गया है. 


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जेल प्रशासन द्वारा किया अनूठा पहल  
जेल में बंद अधिकांश कैदियों के बच्चों द्वारा संदेशों को सभी कैदियों द्वारा सुना गया. किसी ने ग्रीटिंग कार्ड में लिखा पापा तुम मेरी ताकत हो तुम कभी हारना मत मानना. तुम जल्दी ही परिवार के साथ वापस आ जाओगे गए. किसी ने लिखा पापा आप मेरे सुपर हीरो हो. यह सभी संदेश जेल के रेडियो से प्रसारित किए गए हैं. वहीं जेल अधीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि फादर्स डे पर बच्चों ने अपने हाथ से ग्रीटिंग बनाकर अपने पिता को भेजे हैं. उसमें संदेश लिखकर भी भेजा गया है, जिनको जेल रेडियो से प्रसारित किया गया है. जेल में बंद कैदियों को इससे परिवार के जुड़ाव के साथ उनकी बेहतर परवरिश की जिम्मेदारी का एहसास होगा, जिससे वह अपने आप को अच्छे नागरिक बनाने का प्रयास करेंगे.


Input- Piyush Gaur