नई दिल्ली: भारत सरकार ने नए साल से पहले लाखो पूर्व सानिकों को बड़ा तोहफा देने का ऐलान किया है.दरअसल सेना के रिटायर्ड जवानों के लिए सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन के प्रवधानों को मंजूरी दे दी है. इससे युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवा और दिव्यांग पेशनधारकों को भी लाभ मिलेगा. 


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हरियाणा के 3 लाख से ज्यादा जवानों को मिलेगा फायदा
सरकार द्वारा 'वन रैंक-वन पेंशन' योजना के संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद हरियाणा के लगभग साढ़े तीन लाख रिटायर्ड जवानों और सैनिक की विधवाओं को इसका लाभ मिलेगा. हरियाणा राज्य में हर दसवां व्यक्ति सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है. 


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इन जिलों के लोगों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा
हरियाणा के झज्जर में- 47163, भिवानी में- 43887, रेवाड़ी में- 31343, रोहतक में- 23961, गुरुग्राम में- 36260 और जींद में - 12938, रिटायर्ड सैनिक और सैनिक की विधवाएं हैं. हरियाणा के इन जिले के लोगों को 'वन रैंक-वन पेंशन' योजना के संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा. 


हरियाणा में 3 लाख 55 हजार 29 पूर्व सैनिक और विधवाओं को मिलेगा लाभ
हरियाणा में दो लाख 75 हजार 416 पूर्व सैनिक और  79 हजार 613 सैनिक की विधवाएं हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा. वहीं अगर देश की बात करें तो देशभर में 25 लाख पेंशनर्स इस योजना के तहत लाभ के दायरे में आएंगे. संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद सरकार पर हर साल 8450 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा.    


क्या है वन रैंक, वन पेंशन योजना
वन रैंक, वन पेंशन योजना अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो फौजियों की पेंशन राशि से संबंधित है. साल 2006 से पहले रिटायर हुए सैनिकों को कम पेंशन मिल रही है, जबकि उसके बाद रिटायर हुए सैनिकों को कम. जिसकी वजह से बड़ी अफसर के रैंक वालों को कम और छोटी रैंक के अफसरों को ज्यादा पेंशन मिल रही है. वन रैंक वन पेंशन योजना का उद्देश्य समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक पर रिटायर होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए पेंशन को एक जैसा करना है. इस संशोधन एक जुलाई, 2019 से लागू किया गया है, जिसमें 30 जून, 2019 तक रिटायर सशस्त्र बल कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा.