Palwal News: सरकार लोगों की सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपयों की योजनाएं बनाती है, ताकि लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिल सकें. मगर अधिकारियों द्वारा अनियोजित ढंग से बनाई गई. योजनाओं के कारण सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं लोगों के लिए जी का जंजाल बन कर रह जाती है. ऐसा ही कुछ पलवल रेलवे स्टेशन पर 54 लाख रुपये की लागत से लगाई गई लिफ्ट के साथ हो रहा है. इस समय स्टेशन का जीर्णोंद्धार का कार्य शुरू हो गया है. इसके चलते अब यह लिफ्ट करीब डेढ़ महीने से बंद पड़ी है.


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बता दें कि पिछले 2020 में रेलवे विभाग ने लोगों की सुविधाओं के लिए स्टेशन पर तीन लिफ्ट लगाने के फैसला किया गया. लेटलतीफी के चलते यह लिफ्ट लगाने के कार्य तीन साल बाद 2023 में जाकर पूरा हुआ, जिस समय लिफ्ट लगाने की योजना तैयार की गई थी. उस समय स्टेशन की जीर्णोद्धार की कोई योजना नहीं थी. जीर्णोंद्धार की योजना इसी वर्ष तैयार हुई थी. रेलवे विभाग अगर लिफ्ट की कार्य की योजना नियोजित ढंग से आगामी बढ़ती यात्रियों की संख्या को देखते हुए बनाते तो यह समस्या नहीं सामने नहीं आती.


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लिफ्ट का शुभारंभ गत 27 सितंबर को केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, विधायक दीपक मंगला ने किया. लिफ्ट शुरू होने के बाद दिव्यांगों, बुजुर्गों ने राहत सांस ली थी, जिन्हें सीढ़ियों पर कराहते हुए प्लेटफार्म पर पहुंचना पड़ता था, मगर यह राहत ज्यादा दिनों तक नहीं मिल सकी. इस वर्ष अमृत भारत योजना स्टेशन योजना के तहत पलवल रेलवे स्टेशन को शामिल कर लिया गया.


इस योजना के तहत पूरे स्टेशन का कायाकल्प होना है. इसके लिए पलवल रेलवे स्टेशन के विकास के लिए कुल 34 करोड़ 25 लाख रुपये की राशि खर्च की जाएगी, जिनमें से बिल्डिंग निर्माण के लिए 15 करोड़ 25 लाख, फुट ओवर ब्रिज के लिए 13 करोड़, प्लेटफार्म शेल्टर, कवरिंग और सरफेसिंग हेतु तीन करोड़, यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक और एसएंडटी वर्क हेतु तीन करोड़ रुपये की लागत शामिल हैं.


नई बनाई जा रही बिल्डिंग की ड्राइंग में लिफ्ट को नई बिल्डिंग के अंदर शामिल किया गया है. इसके चलते लिफ्ट के चारों को बेरीकेडिंग करके बंद कर दिया गया है. जब तक नई बिल्डिंग तैयार हो जाएगी, उसके बाद ही लिफ्ट को शुरू किया जाएगा. नई लगी लिफ्ट सफेद हाथी बनकर रही गई है. यात्रियों को मजबूरी में दोबारा से सीढ़ियों से होकर प्लेटफार्म पर पहुंचना पड़ रहा है. अधिकांश ट्रेन चार व पांच नंबर प्लेटफार्म पर ही आती हैं, जहां पर हर दिन हजारों यात्रियों का आना-जाना रहता है, जिसमें मरीज, बुजुर्ग, दिव्यांग भी शामिल रहते हैं. इन यात्रियों को आज भी एफओबी से प्लेटफार्म तक आना-जाना पड़ता है.


प्लेटफार्म ऊंचा होने के कारण दिव्यांगों व बुजुर्गों को सीढ़ियां चढ़ते समय कराहते हुए देखा जा सकता है. वो सीढ़ियों पर पैर घिसटते हुए चलने को मजबूर हो रहे हैं. लिफ्ट बंद होने के कारण यात्रियों का दम फूल रहा है. यहां पर सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों, महिलाओं व मरीजों के लिए होती है.


Input: Rushtam Jakhar