Palwal News: अक्सर आपने लोगों को सोशल मीडिया पर वक्त बिताते हुए देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सोशल मीडिया से कई बार आप कुछ काम की चीजें भी सीख सकते हैं. हरियाणा के पलवल में रहने वाली एक महिला ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर प्राकृतिक तरीके से घर पर सब्जियां उगाने की शुरुआत की. पत्नी से प्रेरित होकर उनके पति भी इस काम में शामिल हो गए और आज पलवल का ये दंपत्ति दूसरे किसानों के लिए उदाहरण बन गए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पलवल के नया गांव में रहने वाले शैलेश कुमार कई साल पहले सामान्य तरीके से खेती किया करते थे, जिसमें वह कीटनाशक, दवाइयां और दूसरे खाद का इस्तेमाल करते थे. खेतों से पैदावार भी अच्छी हो जाती थी, इसी दौरान उनकी पत्नी ने यूट्यूब से वीडियो देखकर घर के लिए प्राकृतिक तरीके से सब्जियां उगाने का फैसला लिया और सब्जी उगाने की शुरुआत की. अपनी पत्नी के प्राकृतिक खेती के प्रति रुचि को देखते हुए किसान शैलेश कुमार ने भी प्राकृतिक खेती की शुरुआत की.


आज शैलेश और उनकी पत्नी प्रगतिशील किसानों में शामिल हैं और करीब 4 एकड़ में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. किसान शैलेश केवल मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे की भी प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. पशुओं के लिए जो चारा उन्होंने लगाया हुआ वह भी प्राकृतिक तरीके से उगाया गया है. इसके साथ ही वर्तमान में  शैलेश ने मूंग की फसल लगाई हुई.


ये भी पढ़ें- Delhi News: केंद्र सरकार के अध्यादेश पर वीरेंद्र सचदेवा बोले- केजरीवाल की मनमानी के चलते लिया ये फैसला


शैलेश ने सब्जियों में कद्दू ,खीरा, भिंडी, करेला पेठा, की फसल लगाई हुई है, उन्होंने बताया कि वह जो भी फसल उगाते हैं वह पूरी प्राकृतिक तौर से उगाई जाती है. उसमें किसी प्रकार का कोई कीटनाशक, दवाइयों या फिर खाद का कोई इस्तेमाल नहीं होता. खेतों पर ही प्राकृतिक तरीके से खाद तैयार की जाती है और उसी का फसल पर छिड़काव किया जाता है.


कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के द्वारा उनको खाद बनाने के लिए सहयोग भी दिया गया है. उनका मकसद है कि किसान पूरी तरह से प्राकृतिक खेती करें और दूसरे लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें. कीटनाशक दवाइयों के अधाधुंध प्रयोग को रोकना बेहद आवश्यक है. उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती करने से खेत में लगने वाली कीमत आधी ही रह जाती है क्योंकि किसान का सबसे ज्यादा खर्चा खेत में दवाइयों का ही होता है.


वहीं इस बारे में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी अतुल शर्मा ने बताया कि विभाग की तरफ से भी इन किसानों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है. प्राकृतिक खेती शुरू करने से पहले विभाग के द्वारा खेती करने के बारे में इन किसानों को समझाया जाता है, जिसके बाद प्राकृतिक खेती की शुरुआत होती है. इसके साथ ही बीच-बीच में जाकर विभाग के कर्मचारियों के द्वारा फसल में किस तरह से खाद और छिड़काव करना है इसको लेकर भी किसानों को जागरूक किया जाता है. विभाग की तरफ से खाद तैयार करने के लिए किसानों को सामान भी मुहैया कराया जाता है.


Input-Rushtam Jakhar