Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार इस समय सोने से कम होती है उम्र!
Chanakya Niti: चाणक्य नीति में बताया गया है कि दिन में सोना स्वास्थ्य और आयु दोनों के लिए नुकसानदायक है. चाणक्य नीति के अनुसार दिन में सोने से कार्यक्षमता घटती है, अपच की समस्या बढ़ती है और जीवनकाल कम हो जाता है. केवल बीमार और बच्चों को ही दिन में सोना चाहिए. चाणक्य के अनुसार, अधिक सांस लेने से आयु घटती है, इसलिए दिन में सतर्क रहना चाहिए.
चाणक्य की चेतावनी
चाणक्य नीति के अनुसार, दिन में सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. चाणक्य ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दिन के समय में सोना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे कार्य की उत्पादकता में कमी आती है और शरीर में अपच, वायु-विकार जैसे दोष उत्पन्न होते हैं.
विशेष परिस्थितियों के लिए छूट
चाणक्य ने इस बात को भी स्वीकार किया कि दिन में केवल बीमार व्यक्तियों और बच्चों को सोने की अनुमति होनी चाहिए. सामान्य व्यक्तियों के लिए दिन में सोना वर्जित है.
आयु पर प्रभाव
चाणक्य ने दूसरे श्लोक में दिन में सोने के नकारात्मक प्रभाव को लेकर चेतावनी दी है. उनके अनुसार, दिन में सोने से आयु में कमी आती है. यह बात उन्होंने इस तर्क से समझाई कि सोते समय सांसों की गति बढ़ जाती है, जिससे जीवनकाल कम होता है.
सांसों की संख्या और आयु
चाणक्य के अनुसार, हर व्यक्ति की सांसों की संख्या निश्चित होती है. सोते समय सांसों की गति में वृद्धि के कारण, मनुष्य की आयु में कमी होती है. इसलिए, दिन में सोना जीवनकाल को नष्ट करने जैसा है.
नींद का उचित समय
चाणक्य की नीति के अनुसार, पूर्ण नींद केवल रात में ही लेना चाहिए. दिन में केवल सक्रिय रहना चाहिए और काम में ध्यान लगाना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य और आयु दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़े.