Delhi: कार्यकाल पूरा नहीं करने वाले पांच सीएम, इनमें BJP के दो
Delhi CM List: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार शाम 4.30 बजे एली वीके सक्सेना से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौपेंगे. केजरीवाल के इस्तीफे से पहले आप विधायक दल की बैठक हुए, जिसमें नए सीएम के नाम को लेकर शिक्षा मंत्री आतिशी पर सहमति बनी. इस तरह सीएम केजरीवाल अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे. इसी बीच आइए जानते हैं कि दिल्ली में कितने सीएम ऐसे रहे हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ना पड़ा था.
Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal: सीएम केजरीवाल पहली बार 2013 में सीएम बने थे, जिस दौरान उन्होंने 48 दिन (28 दिसंबर 2013 से 14 फरवरी 2014) बाद इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद साल 2015 में दूसरी और साल 2020 में तीसरी बार सीएम बने. अरविंद केजरीवाल की तीसरा कार्यकाल 16 फरवरी 2020 से शुरू हुई जो कि आज यानी 17 सितंबर 2024 को खत्म हो रहा है. केजरीवाल का यह कार्यकाल 9 साल 216 दिन तक रहा.
Brahm Prakash
Brahm Prakash: दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री ब्रह्म प्रकाश (कांग्रेस) लगभग तीन साल पद पर रहें. उन्होंने 17 मार्च 1952 को पद भार संभाला था और 12 फरवरी 1955 तक सीएम रहे. इन्होंने 12 फरवरी 1955 को प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से टकराव के चलते त्यागपत्र दिया था.
Gurmukh Nihal Singh
Gurmukh Nihal Singh: इसके बाद दरियागंज से कांग्रेस विधायक गुरुमुख निहार सिंह दिल्ली के दूसरे सीएम बने. इन्होंने सिंर्फ 1 साल 263 दिन तक (12 फरवरी 1955 से 1 नवंबर 1956) तक पद संभाला. उस दौरान केंद्र सरकार ने दिल्ली विधानसभा की व्यवस्था खत्म कर दी थी. इस कारण इनका कार्यकाल खत्म हो गया था.
Madan Lal Khurana
Madan Lal Khurana: इसके बाद 1993 में विधानसभा स्थापित हुए और चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल कर मदन लाल खुराना को सीएम बनाया. हवाला कांड में नाम से इन्होंने साल 1996 में इस्तीफा दिया था. इनका कार्यकाल 2 साल 86 दिन (12 फरवरी 1955 से 26 फरवीर 1996) तक रहा.
Sahib Singh Verma
Sahib Singh Verma: अरविंद केजरीवाल की तरह साहिब सिंह वर्मा (BJP) ने भी चुनाव से पहले इस्तीफा दिया था. उनका कार्यकाल 2 साल 228 दिन (26 फरवरी 1996 से 12 अक्टूबर 1998) तक रहा. उस दौरान दिल्ली में प्याज के दाम आसमान छू रहे थे. इस कारण कांग्रेस ने आंदोलन खड़ा कर दिया था. जिसके चलते उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. जिसके बाद अगले विधानसभा चुनाव होने तक सुष्मा स्वराज को सीएम बनाया गया था.