Famous Forts in Delhi: गर्मी की छुट्टियों में दिल्ली के इन किलों को घूमने का जरूर बनाएं प्लान, जहां एंट्री है फ्री
भारत में इतिहास में किलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इतिहास में किले दुश्मन के हमलों से बचने लिए सबसे पहला अस्त्र माने जाते थे. राजधानी दिल्ली अधिकांश में ऐसे कई किले हैं, जो कि हालांकि इनमें से कई अब खंडहर हो चुके हैं. फिर भी वो दिल्ली के इतिहास को दर्शाते हैं.
Red Fort: लाल किला दिल्ली का प्रसिद्ध किलों में से एक हैं. जो कि लाल बलुआ पत्थर से बना है, इसी के आधार पर इसका नाम लाल किला रखा गया था. मुग्ल राजा शाह जहान ने इसे बनाया था, जिसे बनने में 9 साल लगे थे. लाल किले में 9:30-4:30 तक एंट्री होती है. इसकी टिकट सिर्फ 10 रुपये है.
Salimgarh Fort: सलीमगढ़ किला 1546 का है, जब सूरी राजवंश ने दिल्ली पर शासन किया था. सलीमगढ़ किले को औरंगजेब ने जेल में बदल दिया था, जबकि अंग्रेजों ने 1857 में इसे अपने सेना शिविर में बदल दिया था. सलीमगढ़ किले में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक एंट्री मिलती है. इसकी कोई एंट्री फीस नहीं है.
Old Fort: पुराना किला दिल्ली के सबसे पुराने किलों में से एक है. दूसरे मुगल सम्राट हुमायूं और सुरीद सुल्तान शेर शाह सूरी ने इसे बनवाया था. कई लोगों का मानना है कि यह इंद्रप्रस्थ के प्राचीन शहर की साइट पर स्थित है. इसकी टायमिंग सुबह 9 से शाम 7 तक है. इसकी टिकट सिर्फ 20 रुपये है.
Siri Fort: नई दिल्ली में सिरी फॉर्ट है. जहां दिल्ली सल्तनत के खलजी राजवंश के दूसरे शासक अलाउद्दीन खलजी के शासन के दौरान शहर को मंगोलों के हमले से बचाने के लिए बनाया गया था. इसकी टायमिंग सुबह 9 से शाम 5 बजे तक है और एंट्री फीस नहीं है.
Qila Rai Pithora: यह दिल्ली का पहला किला राय पिथौरा के नाम से फेमस है. राय पिथौरा की दिल्ली के बारह दरवाजे थे, लेकिन इनकी संख्या दस बताई गई हैं. बता दें कि इनमें से कुछ बाहर तो कुछ अंदर की तरफ खुलते थे. ये मालविय नगर में है जो कि सुबह 7 से शाम 7 बजे तक खुलता है. जिसकी एंट्री बिल्कुल फ्री है.
Tughlaqabad Fort: तुगलकाबाद किला दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के संस्थापक गयासुद्दीन तुगलक ने सन 1321 में बनाया गया था. जो कि अब एक खंडहर है. यहां आप सुबह 7 से शाम 5 बजे तक जा सकते हैं. जिसकी फीस 5 रुपये हैं.
Adilabad Fort: आदिलाबाद किला तुगलकाबाद किला की तरह ही बना है, लेकिन उससे छोटा है. यह किला तुगलकाबाद के दक्षिण में पहाड़ियों पर बना है जो कि मामूली आकार का किला है. इस किले में सूर्योदय होने से लेकर सूर्यास्त तक जाया जा सकता है. वहीं इसकी एंट्री फीस नहीं लगती है.