स्वतंत्रता सेनानियों के इन नारों ने स्वतंत्रता की लड़ाई को बनाया था मजबूत
Freedom Fighters: स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हमारे देश के वीर सेनानियों ने अपने नारों और विचारों से देशवासियों में आजादी की भावना जागृत की. इन नारों ने लोगों को एकजुट किया और स्वतंत्रता की लड़ाई को और मजबूत बनाया
Mahatma Gandhi
महात्मा गांधी ने "करो या मरो" का नारा दिया, जिसने पूरे देश को स्वतंत्रता के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रेरित किया. यह नारा 1942 के 'भारत छोड़ो आंदोलन' के दौरान बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ.
Bhagat Singh
भगत सिंह का नारा इंकलाब जिंदाबाद आज भी लोगों के दिलों में गूंजता है. इस नारे ने स्वतंत्रता सेनानियों में जोश भर दिया और उन्हें अपने लक्ष्य की ओर प्रेरित किया.
Subhas Chandra Bose
सुभाष चंद्र बोस ने "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" का आह्वान किया, जिससे देश के युवाओं में स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने की भावना जागी. उनका यह नारा युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बना.
Lokmanya Balgangadhar Tilak
बाल गंगाधर तिलक का नारा स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा" ने लोगों को स्वराज्य की मांग करने के लिए प्रेरित किया. यह नारा अंग्रेजी शासन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण हथियार साबित हुआ.
Chandra Shekhar Azad
चंद्रशेखर आजाद ने कहा "दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे. यह नारा उनकी दृढ़ता और साहस का प्रतीक है, जिसने उन्हें ब्रिटिश सरकार के खिलाफ खड़ा रखा.
Lala Lajpat Rai
लाला लाजपत राय का "साइमन गो बैक" नारा साइमन कमीशन के विरोध में दिया गया था, जिसने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जनआक्रोश को बढ़ावा दिया