अपमान से गुस्सा? प्रेमानंद महाराज ने बताया पतन की शुरुआत

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज का कहना है कि जो व्यक्ति छोटे-छोटे अपमानों से क्रोधित होकर दूसरे का नुकसान करने की कोशिश करता है. उसका पतन वहीं से शुरू हो जाता है. एक सच्चे उपासक के लिए अपमान सहन करना अमृत के समान होता है. जो उसकी आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है.

आकांक्षा सिंह Sun, 11 Aug 2024-8:03 pm,
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premanand maharaj

प्रेमानंद महाराज वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं. वह अक्सर किसी न किसी विषय पर अपनी बात रखते हैं. या उनके अनुयायी द्वारा पुछ गए सवालों के जवाब देते हैं. 

 

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Motivational Quotes

हाल ही में प्रेमानंद महाराज ने बताया कि आखिर किस कारण से इंसान सुख, शांति, वैभव और ऐश्वर्य से दूर हो जाते हैं. महाराज कहते हैं कि अगर किसी इंसान में लोभ, हिंसा, छल-कपट, व्याभिचार और चोरी करने लगे तो व्यक्ति की तरक्की तो होती है, लेकिन यह कुछ समय के लिए होती है.

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Life

महाराज कहते हैं कि इस तरह की तरक्की हाइलोजन की तरह होती है. जो तुरंत फ्यूज हो जोते हैं और जीवन को अंधकार में डाल देते हैं.  यही नहीं जो लोग थोड़े अपमान से गुस्सा जाते हैं और दूसरे का नुकसान करने लगते हैं. उनके पतन की शुरुआत वहीं से होने लगती है.

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Maharaj Ka Pravachan

जिन लोगों के मन में अकसर द्वेष वाले खयाल आते हैं. ऐसे लोगों को क्रोध और द्वेष का चिंतन लाइफ को खराब कर देता है. व्यवहार हो या परमार्थ गुस्सा दोनों ही मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाता है. 

 

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Pashu-pakshi

अगर कोई पशु-पक्षी या इंसान किसी से अपनी जान बचाकर आपके पास आए  और आप उसको बचाने की जगह मार दें तो इससे आपकी दुर्गति होना कंफर्म है. 

Disclaimer कृपया ध्यान दें, यहां दी गई खबर इंटरनेट मीडिया पर आधारित है. Zee Media किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता है. न ही कोई जिम्मेदारी लेता है. किसी भी क्षेत्र में अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें

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