Qutub Minar History: 5 स्तरों में बंटे कुतुब मीनार को किसने बनवाया और किसने करवाया पूरा, जानें इसका पूरा इतिहास

Qutub Minar History: दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार एक ऐतिहासिक स्मारक है. यह मीनार भारतीय इस्लामी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. इसकी ऊंचाई 73 मीटर है और यह विश्व के सबसे ऊंची मीनारों में से एक मानी जाती है. कुतुब मीनार का निर्माण 1193 में कुतुब अल-दीन ऐबक द्वारा शुरू किया गया था. आइए कुतुब मीनार के इतिहास के बारे में जानते हैं.

रेनू अकर्णिया Dec 21, 2024, 22:41 PM IST
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Who Build Qutub Minar

Who Build Qutub Minar: कुतुब मीनार एक ऐतिहासिक स्मारक है, जिसकी ऊंचाई 73 मीटर है और यह विश्व के सबसे ऊंची मीनारों में से एक मानी जाती है. कुतुब मीनार का निर्माण 1193 में कुतुब अल-दीन ऐबक द्वारा शुरू किया गया था. उसके दामाद शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने ने इसकी तीन मंजिलें बनाई और 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई थी. इस तरह कुतुब मीनार का निर्माण लगभग 200 वर्षों में पूरा हुआ. 

 

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Qutub Minar History

Qutub Minar History: कुतुब मीनार का निर्माण उस समय हुआ जब दिल्ली में मुस्लिम शासन की स्थापना हुई थी. कुतुब अल-दीन ऐबक ने इस मीनार का निर्माण एक विजय स्मारक के रूप में किया. इसके निर्माण में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है, जो इसे एक अद्वितीय रूप देता है. मीनार के चारों ओर कई अन्य ऐतिहासिक इमारतें भी हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है.

 

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Qutub Minar Architecture

Qutub Minar Architecture: कुतुब मीनार की वास्तुकला इसकी खूबसूरती का मुख्य कारण है. इसकी संरचना में जटिल नक्काशी और विभिन्न प्रकार के डिजाइन शामिल हैं. मीनार के प्रत्येक स्तर पर खूबसूरत बैंड और संगमरमर की सजावट है. यह मीनार 5 स्तरों में विभाजित है और हर स्तर पर एक बालकनी है, जो देखने में और भी सुंदरता जोड़ती है. 

 

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Qutub Minar UNESCO Heritage Site

Qutub Minar UNESCO Heritage Site: कुतुब मीनार न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है. यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है. यहां पर हर साल हजारों पर्यटक आते हैं, जो इसकी ऐतिहासिकता और वास्तुकला को देखने के लिए उत्सुक होते हैं. 

 

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Qutub Minar

Qutub Minar: कुतुब मीनार के संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इस स्मारक की देखरेख करता है और इसे संरक्षित रखने के लिए नियमित रखरखाव करता है. इसके अलावा, पर्यटकों को इसके महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. 

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