Haryana News: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षा अधिकारियों द्वारा हरियाणा के स्कूलों का स्थिति पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया. अब इस पूरे मामले में हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग पर पांच लाख  रुपए जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि शिक्षा विभाग को महिला व बाल कल्याण विकास विभाग में जमा करवाने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को मामले की अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश होने का भी आदेश दिया है.


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क्या है पूरा मामला
सरकारी स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर कैथल जिले के बालू स्कूल के छात्रों ने अपने वकील प्रदीप कुमार रापड़िया के माध्यम से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने हरियाणा शिक्षा विभाग से एफिडेविट के माध्यम से स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी थी. इसके जवाब में शिक्षा विभाग द्वारा जो आंकड़े और तथ्य पेश किए गए वो चौंकाने वाले हैं. 


हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा दिये गए एफिडेविट के मुताबिक, हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है, 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन ही नहीं है, 538 स्कूलों में लड़कियों के शौचालय नहीं है और 1047 स्कूलों में लड़कों के शौचालय नहीं है. इसके अलावा कोर्ट को बताया गया कि छात्रों के लिए 8,240 क्लासरूम की भी जरूरत है.


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हाई कोर्ट में दिए गए ऐफिडेविट के मुताबिक, जहां हरियाणा के सरकारी स्कूलों  में शौचालय, पीने के पानी, बिजली कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है वहीं शिक्षा विभाग ने  10,675.99  करोड़ रूपये कि ग्रांट को बिना उपयोग किये सरकार को वापिस भेज दिया. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार कोर्ट के सामने सिर्फ आंकड़ों का खेल खेल रही है और धरातल पर कोई काम नहीं कर रही. 


हरियाणा सरकार की स्कूली बच्चों के हितों के प्रति संवेदनहीनता व एफिडेविट के चौंकाने वाले आंकड़ों की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग पर 5 लाख रुपयों का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही एक हफ्ते के अंदर सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए समय सीमाबद्ध योजना पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही हाइ कोर्ट ने हरियाणा सरकार के प्रधान सचिव व स्कूली शिक्षा निदेशक को 15 दिसंबर को व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट के सामने हाजिर होने के भी आदेश दिए हैं.


Input- Vijay Rana