Rahul Gandhi Parliament Membership: मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद आज उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई है. लोकसभा सचिवालय की ओर से इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. संसद सदस्यता जाने के 136 दिन बाद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हुई है. 



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क्या है पूरा मामला
राहुल गांधी ने साल 2019 में कर्नाटक के कोलार में भाषण के दौरान मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी. इस मामले के 4 साल बाद 23 मार्च को गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई. सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को इस मामले में जमानत मिल गई, लेकिन जन प्रतिनिधि अधिनियम 1951 के तहत स्पीकर ने लोकसभा से उनकी सदस्यता रद्द कर दी. दरअसल, जनप्रतिनिधि अधिनियम के अनुसार, अगर किसी सांसद या विधायक को 02 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उनकी संसद और विधानसभा से सदस्यता रद्द हो जाती है. यही नहीं वो सांसद या विधायक 06 सालों के लिए चुनाव लड़ने के लिए भी योग्य नहीं रहता. 


सुप्रीम कोर्ट ने लगाई सजा पर रोक
इस मामले में राहुल गांधी के द्वारा गुजरात हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, लेकिन उन्हें वहां से भी कोई राहत नहीं मिली. जिसके बाद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 4 अगस्त को SC ने इस मामले में सुनवाई करते हुए राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा थी.


राहुल गांधी की सजा पर रोक लगने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने की मांग की गई थी, जिसके बाद आज लोकसभा सचिवालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी गई.