Ayodhya News: अयोध्या में 22 जनवरी को बधाइयां बजने वाली हैं. पूरे देश में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर धूम है. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला अपने बचपन की स्वरूप में विराजमान होंगे. अयोध्या श्रीराम को रामलला के रूप में पूजती है. राम अयोध्या नगरी के बेटे हैं, लेकिन अयोध्या में एक ऐसा जगह है, जहां श्रीराम चंद्र को दामाद के रूप में पूजा की जाती है. जैसे एक समान्य घर में दामाद से हंसी-मजाक किया जाता है, ठीक वैसे ही यहां भी ऐसी ही परंपरा है.


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भगवान के साथ किया जाता है हंसी मजाक
दरअसल, अयोध्या में स्थित जानकी महल में राम को दामाद के रूप में पूजा जाता है. यहां पर उनके साथ हंसी-मजाक किया जाता है. उनको उलाहना दिया जाता है. जानकी महल में रोजाना भगवान को भोग लगाने के दौरान मजाक और ताने दिए जाने वाले गीत भी गाए जाते हैं. उनके लिए गालियां भी गाई जाती हैं. अयोध्या के जानकी महल मंदिर का जुड़ाव नेपाल के शाही परिवार से रहा है. मंदिर की जमीन को साल 1942 में मोहन लाल केजरीवाल ने खरीदा था और इसके बाद उन्होंने इस जगह को अयोध्या में जानकी देवी के पैतृक घर का रूप दिया.


मिथिला में हुआ था मां जानकी का जन्म
ऐसी मान्यताएं है कि सीता माता का दूसरा नाम जानकी है. उनके पिता का राजा जनक था. कहा जाता है कि सीता का जन्म मिथिला में हुआ था. यह जगह फिलहाल नेपाल में है. वहीं अयोध्या के जानकी महल मंदिर में भोग लगाने के वक्त हंसी मजाक के साथ-साथ ताने देने और गालियां गाने का पुरानी रीति चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि राम सीता की शादी हिंदू कैलेंडर के पौष माह में हुई थी. ऐसे में साल में इस महीने महल के मंदिर में भव्य आयोजन किया जाता है.


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शादी की सालगिरह में पहुंचते हैं हजारों श्रद्धालु
वहीं, भगवान राम की शादी की सालगिरह के मौके पर यहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी जानकी महल में भी इसकी रौनक देखने को मिल रही है. वहीं नेपाल के मिथिला नगरी से भी अयोध्या बधाइयां और उपहार भेजे जा रहे हैं.