Sanjay Singh: दिल्ली शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद आप नेता संजय सिंह की  जमानत याचिका पर  सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया, जिसकी अगली सुनवाई  5 मार्च को होगी. संजय सिंह ने एक अन्य अर्जी में ED की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए उसे चुनौती दी है. अब कोर्ट दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा. ईडी ने संजय सिंह को पिछले साल 4 अक्टूबर को उनके घर से गिरफ्तार किया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीं इस मामले पर संजय सिंह का कहना है कि इस मामले में उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है. 4 अक्टूबर को उनकी गिरफ्तारी से पहले ईडी ने कभी उनसे पूछताछ नहीं की. यही नहीं, इससे पहले दाखिल चार्जशीट में कहीं भी उनकी  कोई भूमिका का जिक्र जांच एजेंसी ने नहीं किया. संजय सिंह ने जमानत याचिका में कहा है कि सरकारी गवाह बने जिस दिनेश अरोड़ा के बयान को उनकी गिरफ्तारी का आधार बताया जा रहा है, उसकी विश्वसनीयता खुद सवालों के घेरे में है. उसके बयान इस केस में बाकी गवाहों से मेल नहीं खाते.


ये भी पढ़ें: IND vs ENG: 12 साल से अपनी सरजमीं पर एक भी टेस्ट सीरीज नहीं हारी टीम इंडिया, जानें किन धुरंधर टीमों को बना चुकी है शिकार


वहीं दूसरी ओर ED का कहना है कि संजय सिंह इस घोटाले के मुख्य  साजिशकर्ताओं में से एक है. वो नई शराब नीति के एवज में कुछ चुनिंदा कंपनियों को फायदा पहुंचकर उनसे रिश्वत हासिल करने की साजिश में शामिल रहे हैं. ED ने आरोप लगाया है  कि  संजय सिंह को  2 करोड़ की रिश्वत मिली है. ये दो करोड़ की रकम उनके घर पर दो बार अलग-अलग जगह पहुंचाई गई. निचली अदालत और हाई कोर्ट में संजय सिंह की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने दलील दी थी कि  इस मामले में जांच अभी भी जारी है. अगर संजय सिंह को जमानत मिलती है तो ऐसी सूरत में वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. इसके चलते जांच प्रभावित हो सकती है.