Delhi News: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अहम बयान दिया है. उन्होंने संकेत दिया कि चुनावों की तैयारी तेज हो रही है और अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने की संभावना भी जताई. उन्होंने बताया कि केजरीवाल जी को ED मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है, जबकि CBI का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि CBI जानबूझकर मामले को टालने की कोशिश कर रही है ताकि अरविंद केजरीवाल के बाहर आने से पहले चुनाव संपन्न हो जाएं, क्योंकि उनके विरोधियों में डर है.


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सौरभ भारद्वाज ने LG पर साधा निशाना
इसके साथ ही, सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी और उपराज्यपाल (LG) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब भी दिल्ली में कोई बड़ा संकट आता है और हम दस्तावेजों के आधार पर यह स्पष्ट करते हैं कि इसके पीछे भाजपा द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल का हाथ है. तो उपराज्यपाल कार्यालय से निराधार जवाब दिए जाते हैं. कुछ समय पहले आशा किरण होम में 14 लोगों की मौत हुई थी, जिसका कारण डॉक्टरों और स्टाफ की कमी को बताया गया था. सौरभ भारद्वाज ने इस पर कहा कि चूंकि दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार LG के पास है. इस मामले में उपराज्यपाल कार्यालय ने NCCSA की बैठक न होने का हवाला दिया था.


इस कारण नहीं हो पाई नियुक्ति
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के अस्पतालों को सुचारू रूप से चलाने के लिए MD और MS जैसे अधिकारियों की जरूरत होती है, लेकिन दिल्ली में एक अधिकारी को कई अस्पतालों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. खाली पदों के संबंध में लिखे गए पत्रों पर भी उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि 25 विशेषज्ञ फाइनल हो चुके हैं, लेकिन NCCSA की बैठक न होने के कारण उनकी नियुक्ति नहीं हो पाई. 


ये उठाए सवाल 
अंबेडकर मेडिकल कॉलेज में छात्रा के उत्पीड़न के आरोपी डॉक्टर को हटाने में भी NCCSA की बैठक न होने का हवाला देकर देरी की गई. स्वास्थ्य मंत्री भारद्वाज ने सवाल उठाया कि अगर PWD के आदेश से 7 CPWD अधिकारियों को ग्रुप A की पोस्टिंग दी जा सकती है. तो अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के लिए ये सब किया जा रहा है.


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सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल से दो सवाल पूछे:
यदि ट्रांसफर और पोस्टिंग संभव थी, तो उपराज्यपाल कार्यालय ने दिल्ली को गुमराह क्यों किया? उपराज्यपाल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
अगर उपराज्यपाल सही थे और ट्रांसफर पोस्टिंग संभव नहीं थी, तो PWD के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अंबर आसू पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
उन्होंने यह भी कहा कि उपराज्यपाल कार्यालय से लगातार झूठ बोला जा रहा है, और दिल्ली की जनता को सच्चाई से अवगत कराने के लिए वे उपराज्यपाल की पोल खोलते रहेंगे. 


Input- DAVESH KUMAR


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