दरअसल आज सुबह अभिषेक मनु सिंघवी ने सत्येंद्र जैन की ज़मानत याचिका जस्टिस बेला त्रिवेदी के सामने लिस्ट होने का हवाला देते हुए सुनवाई टालने का आग्रह किया. सिंघवी का कहना था कि जस्टिस बोपन्ना पहले इस पर सुनवाई कर चुके है. मामला उनके सामने लगाना चाहिए. हम टालने का आग्रह कर रहे है.


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चीफ जस्टिस ने कहा कि खराब सेहत के चलते जस्टिस बोपन्ना दीपावली के अवकाश के बाद से ही सुनवाई करने में समर्थ नहीं है. इसलिए मामला पहले सुनवाई कर चुकी जस्टिस बेला त्रिवेदी के सामने लगाना पड़ा. जस्टिस त्रिवेदी के सामने मामला लिस्ट कराना इसलिए भी जरूरी था. क्योंकि सत्येंद्र जैन भी खराब सेहत के आधार पर मिली अन्तरिम जमानत की मियाद बढ़ाने की मांग कर रहे थे. लिहाजा कोर्ट को उस पर फैसला लेना ही था.
कोर्ट ने कहा कि स्पष्टिकरण इसलिए जरूरी है क्योकि आजकल केस को दूसरी बेंच को शिफ्ट होने को लेकर कई लैटर सर्कुलेट हो रहे है. चीफ जस्टिस ने इस पर नाराजगी जाहिर की आखिर क्यों कुछ वकील चाहते है कि उनका मामला उनकी मर्जी के मुताबिक वाली बेंच ही सुने.


CJI ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि मामला जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच के सामने लगा है. वो ही इस पर कोई फैसला लेगी. अब CJI ने लंच के बाद वजह साफ की है कि आखिर क्यों मामला जस्टिस बेला त्रिवेदी के सामने लगाना पड़ा.


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सत्येंद्र जैन को 26 मई को खराब स्वास्थ्य कर आधार पर सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़माजत मिली थी. बाद में उनकी रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के चलते जमानत की ये मियाद बढ़ती रही है.  ED ने सतेंद्र जैन पर ट्रायल में देरी करने का आरोप लगाते हुए जमानत रद्द करने की मांग की है.


पिछले साल मई में ED ने सतेंद्र जैन को उनसे जुड़ी चार कंपिनयों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. इस केस में निचली अदालत से लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें खराब सेहत के आधार पर जमानत मिल गई थी.
Input: Hemang Berua