रेरा ने नोएडा के 11 बिल्डरों पर 1.77 करोड़ का जुर्माना, नियमों की अनदेखी पर कार्रवाई
Noida Builders : रेरा ने बिल्डर्स को अगले 30 दिन में जुर्माने की राशि जमा करने का निर्देश दिया है. रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने बताया कि अगर बिल्डर्स तय समय में जुर्माने की राशि जमा नहीं कराएंगे तो तय नियमों के तहत उनसे रिकवरी कराई जाएगी.
गौतमबुद्ध नगर: रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (Real Estate Regulatory Authority) ने नियमों की अनदेखी पर नोएडा के 11 बिल्डर्स पर बड़ी कार्रवाई की है. बायर्स की शिकायतों की सुनवाई के बाद रेरा ने इन 11 बिल्डर्स पर 1.77 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही बिल्डर्स को अगले 30 दिन में जुर्माने की राशि जमा करने का निर्देश दिया है.
जी मीडिया से बातचीत के दौरान रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने बताया कि काफी समय से प्रॉपर्टी खरीदारों से बिल्डर्स के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं. रेरा ने 112वीं बैठक के आदेशों का पालन नहीं करने पर आरोपी बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया गया.
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उन्होंने बताया कि अगर बिल्डर्स तय समय में जुर्माने की राशि जमा नहीं कराएंगे तो तय नियमों के तहत उनसे रिकवरी कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि पूरे देश में प्रॉपर्टी खरीदारों की कुल शिकायतों में से 40 प्रतिशत यूपी से आती हैं, लेकिन रेरा की ओर से बायर्स की शिकायतों के निराकरण की बदौलत अब ऐसे मामलों में कमी आ रही है.
दरअसल नोएडा, गाजियाबाद और आसपास के इलाकों में ऐसे तमाम खरीदार हैं, जिन्हें बिल्डर फ्लैट बुक कराए काफी समय बीत चुका है. उन्हें बुकिंग राशि समेत समय-समय पर पैसे भी जमा कराए गए, लेकिन इसके बावजूद अब तक पजेशन नहीं दिया गया है. ऐसी हजारों शिकायतें रेरा तक आ चुकी हैं. इन्हीं का निराकरण करते हुए बिल्डर्स पर इतना भारी जुर्माना लगाया गया है.
आदेशों की अवहेलना पर रुद्रा बिल्डवेल होम्स पर 49.26 लाख, सिक्का इंफ्रास्ट्रक्चर पर 29.88 लाख, एसआरबी प्रमोटर्स पर 22.10 लाख, मिस्ट डायरेक्ट सेल्स पर 20.30 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा वेल्यूएंट इंफ्रा डेवलपर्स पर 12.98 लाख, महागुण इंडिया पर 10.61 लाख, गार्डेनिय इंडिया पर 6.85 लाख, लॉजिक्स बिल्डटेक पर 6.65 लाख, रुद्रा बिल्डटेक प्रोजेक्ट्स पर 6.09 लाख, गौड़संस इंफ्रास्ट्रक्चर पर 6.12 लाख और एसडीएस इंफ्राकॉन और एनआरआई टाउनशिप पर 4.51 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. नियमों के तहत रेरा यह रकम बिल्डर प्रोजेक्ट बेचकर भी वसूल सकता है.