विजिलेंस ने चीफ इंजीनियर और जेई को किया गिरफ्तार, 200 करोड़ रुपये का मामला
साल 2020 में फरीदाबाद नगर निगम में करीब 200 करोड़ का घोटाला सामने आया था. नगर निगम के 4 पार्षदों ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतवीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है. निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई.
नरेंद्र शर्मा/फरीदाबाद: विजिलेंस विभाग की टीम ने नगर निगम चीफ इंजीनियर रमन शर्मा और जेई दीपक को गिरफ्तार किया है. नगर निगम में बिना काम के ठेकेदार को 200 करोड़ रुपये के बहुचर्चित मामले में गिरफ्तार किया है. आपको बता दें कि पिछले डेढ़ साल से इस पूरे मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश के बाद विजिलेंस विभाग जांच कर रही है. इस पूरे मामले में एसआईटी गठित की गई थी. हरियाणा विधानसभा में इस मामले को उठाने वाले कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने इस मामले में लिप्त अन्य भ्रष्टाचारी अधिकारियों को गिरफ्तार करने की मांग की है.
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इस पूरे प्रकरण में मुख्य आरोपी सतवीर ठेकेदार और एक अन्य चीफ इंजीनियर डी आर भास्कर को को विजिलेंस विभाग की टीम पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. पहले विजीलेंस ने नगर निगम फरीदाबाद में भ्रष्टाचार के दो मुकदमे दर्ज किए थे, जिसमे चीफ इंजीनियर रमन शर्मा और जेई दीपक ने अग्रिम जमानत ले ली थी. अब विजिलेंस ने तीसरा मुकदमा दर्ज कर आरोपी चीफ इंजीनियर रमन शर्मा और जेई दीपक को गिरफ्तार किया है.
बता दें कि पिछले डेढ़ साल से फरीदाबाद के नगर निगम घोटाला सुर्खियों में रहा था, क्योंकि सतबीर ठेकेदार ने बिना कोई काम किए लगभग 200 करोड़ के आसपास की पेमेंट नगर निगम से ली थी. इस मामले में सतवीर ने इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड डीआर भास्कर को बताया था, जिसके बाद सतवीर की शिकायत पर डीआर बास्कर और रमन शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था. विजिलेंस ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन ये दोनों नहीं गए, जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी के वारंट जारी किए. अब तक इस मामले में 4 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.
बता दें कि साल 2020 में फरीदाबाद नगर निगम में करीब 200 करोड़ का घोटाला सामने आया था. नगर निगम के 4 पार्षदों ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतवीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है. निगम आयुक्त ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई. ठेकेदार को भुगतान में अनियमितता मिलने पर उन्होंने विजिलेंस से जांच की मांग की. साल 2020 से विजिलेंस इस मामले की जांच कर रही थी. जांच में विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर की चार फर्मों के बैंक खातों की जांच की. उसके खातों में नगर निगम की तरफ से 190 करोड़ रुपये का भुगतान मिला. इसके बाद विजिलेंस ने ठेकेदार सतवीर, कार्यपालक अभियंता प्रेमराज, कनिष्ठ अभियंता शेर सिंह, लिपिक पंकज कुमार, प्रदीप, लेखा शाखा लिपिक तसलीम के खिलाफ मामला दर्ज किया.
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