Arvind Kejriwal: दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शराब नीति के मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. यह कदम केजरीवाल के लिए राजनीतिक चुनौती बन सकता है, खासकर चुनावी माहौल में.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ईडी की शिकायत
ईडी ने इस महीने की शुरुआत में केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी. केंद्रीय एजेंसी ने शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. ईडी ने 17 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें कहा गया कि केजरीवाल ने 'साउथ ग्रुप' के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली.  


ईडी की शिकायत में यह भी कहा गया है कि केजरीवाल ने 'टेलर-मेड' शराब नीति तैयार की, जिससे निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचा. इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि साउथ ग्रुप के लिए अलग-अलग शराब की दुकानों में हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई और आबकारी नीति 2021-22 के उद्देश्यों के विरुद्ध कई रीटेल जोन रखने की अनुमति दी गई. 


ये भी पढ़ेंजब संकट में थी अटल सरकार, तो ओपी चौटाला ने अपने ऐलान से चेहरों पर ली दी थी मुस्कान


AAP ने किया आरोपों को खारिज
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) ने ईडी के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है. पार्टी का कहना है कि कथित शराब घोटाले की जांच पिछले दो सालों से चल रही है, जिसमें 500 लोगों को परेशान किया गया है. AAP के अनुसार, 50,000 पन्नों के दस्तावेज पेश किए गए हैं और 250 से अधिक छापे मारे गए हैं, लेकिन इस कार्रवाई में एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ है. AAP ने यह भी बताया कि पिछले वर्षों में कई अदालती आदेशों से मामले में खामियां उजागर हुई हैं. पार्टी का मानना है कि बीजेपी का असली उद्देश्य AAP और अरविंद केजरीवाल को परेशान करना है.